साहित्य लहर
कविता : बचपन और साइकिल
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कविता : बचपन और साइकिल… इस प्रकार चलाना आ जाती थी। ये एक की नहीं सब बच्चों की बचपन की राम कहानी है साइकिल एक साथी कितने स्मृति मधुर बखानी है। व्यग्र पाण्डे, गंगापुर सिटी (राज.)
बचपन और साइकिल का
संबंध रहा है बहुत प्यारा
टूटी साइकिल की सवारी का
अंदाज बहुत ही था न्यारा।
गिरते पड़ते सीखे साइकिल
छिल जाते थे लग जाती थी
खुद को संवार फिर हो सवार
इस प्रकार चलाना आ जाती थी।
ये एक की नहीं सब बच्चों की
बचपन की राम कहानी है
साइकिल एक साथी कितने
स्मृति मधुर बखानी है।