साहित्य लहर

कविता : लाहौर

कविता : लाहौर… रावलपिंडी के दरवाजे पर भारत की सेना को अब जो कोई भी रोकेगा वह शिमला में आकर अपनी खैर मनाए ढाका के लोगों को अपने बारे में बतलाए इमरान खान पाकिस्तान में फिर सरकार बनाए #राजीव कुमार झा

मोदी जी
फिर सरकार बनाओ
सारे देश में विश्वास
जगाओ
सबको मन की बात
बताओ
बच्चों में मिठाई
बंटवाओ
गुजरात में जाकर
बीवीजी से भी

मिलकर आओ
इस्लामाबाद में
हमदर्द के
शर्बत की खाली
बोतल भिजवाओ
काकाकोरम की
ऊंची चोटी पर
जाकर तुम झंडा
फहराओ

सारी दुनिया को
बताओ
कश्मीर से काफी
आगे की भूमि
अब अपनी है
पाकिस्तान की फौज
गर तैयार खड़ी है
जो बेतहाशा

देश को असहाय
छोड़कर भागे
भारत की सीमा पर
दुश्मन बनकर
वह फिर आगे आए
दूर दूर तक गुलाम बनी
यह भूमि जो
सिसक रही
अब युद्ध और
उन्माद सही

तबाही के पहले
तुम दिल्ली में सरकार
बनाओ
लाहौर फिर खबर
पठाओ
शपथ ग्रहण में
काबुल भी न्योता
भिजवाओ
कांग्रेस को संसद में
विश्वास दिलाओ
गांधी नेहरू का
देश अखंडित होगा

रावलपिंडी के
दरवाजे पर
भारत की सेना को
अब जो कोई भी रोकेगा
वह शिमला में
आकर
अपनी खैर मनाए
ढाका के लोगों को
अपने बारे में बतलाए
इमरान खान
पाकिस्तान में
फिर सरकार बनाए

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कविता : लाहौर... रावलपिंडी के दरवाजे पर भारत की सेना को अब जो कोई भी रोकेगा वह शिमला में आकर अपनी खैर मनाए ढाका के लोगों को अपने बारे में बतलाए इमरान खान पाकिस्तान में फिर सरकार बनाए #राजीव कुमार झा

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