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भारत में हिन्दी की वर्तमान स्थिति

भारत में हिन्दी की वर्तमान स्थिति, हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी अपने सम्बोधनों में मातृभाषा हिंदी का प्रयोग कर अपने मन की बात जनमानस तक पहुंचा कर सबके दिलों पर अमिट छाप छोड़ी हैं। वे न केवल देश अपितु विदेशों में भी हिंदी का परचम लहरा रहे हैं। #सुनील कुमार, बहराइच (उत्तर प्रदेश)

हमारा देश विविधता में एकता का देश है। देश के विभिन्न भागों में तरह-तरह की भाषाएं- बोलियां बोली जाती हैं। फिर भी देश में हिंदी बोलने वालों की अधिकता है। हिंदी जन-जन की लोकप्रिय भाषा है।हमारे घर परिवार और समाज में सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली भाषा हिंदी ही है। हमारे देश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का मुख्य माध्यम हिंदी ही है। हमारे देश के सरकारी कार्यालयों में कार्य निष्पादन में हिंदी भाषा को ही प्राथमिकता दी जाती है।

यद्यपि कि देश के विभिन्न भागों में अनेकों भाषाएं बोलियां बोली जाती हैं फिर भी हिंदी जन-जन के प्रिय भाषा है। इसकी सहजता,सरलता और मधुरता ही इसे जन-जन का प्रिय बनाए हुए है। हिंदी भारत संघ की राजभाषा होने के साथ ही गयारह राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों की भी प्रमुख राजभाषा है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिंदी को एक विशेष स्थान प्राप्त है।वर्तमान में हमारे देश के अधिकांश सरकारी व गैर सरकारी संगठनों के कामकाज की भाषा हिंदी ही है।

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आज पूरी दुनिया में 175 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा पढ़ाई जा रही है। ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें बड़े पैमाने पर लिखी जा रही हैं। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है। हिंदी विश्व में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।हिंदी ही वह भाषा है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों को अभिव्यक्त करने में सहज महसूस करता है। व्यक्ति एक-दूसरे की भावनाओं को आसानी से समझ सकता है।

हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में बोलने और समझने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।हमारी मातृभाषा हिंदी में वो सभी गुण विद्यमान हैं जो इसे जन-जन की भाषा बनाने में सक्षम हैं।वैसे तो संसार में हजारों भाषाएं-बोलियां बोली जाती हैं पर जो सहजता और मधुरता हमारी मातृभाषा में है वो किसी अन्य भाषा में नहीं। हिंदी भाषा का शब्द भंडार बहुत ही विशाल है। साथ ही साथ हिंदी बोलना, पढ़ना-लिखना भी आसान है।

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यही कारण है कि आज न केवल भारत बल्कि विश्व के विभिन्न भागों में हिंदी बोलने और समझने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। देश के विद्यालयों महाविद्यालयों में शिक्षण के साथ-साथ शोध कार्यों में भी हिंदी को प्राथमिकता दी जा रही है। देश व प्रदेश की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों द्वारा हिंदी भाषा और हिंदी विषय को चयन में प्राथमिकता दी जा रही है। विगत एक दशक में देखा जाए तो सिविल सेवा में हिंदी माध्यम एवं हिंदी विषय से चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या लगातार बढ़ी है।



आज हमारे देश में बहुत से रचनाकार हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन कार्य कर कालजयी कृतियों का सृजन कर न केवल देश बल्कि विदेशों में भी हिंदी की पताका फहरा रहे हैं। हमारे देश के बहुत से मंचीय कवि अपनी मंचीय प्रस्तुतियों द्वारा हिन्दी को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। हिंदी की सुगमता और मधुरता के कारण इसके प्रति लोगों का आकर्षण दिनों-दिन बढ़ रहा है। चाहे विद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन हो या शोधकार्य ,पत्र-पत्रिकाओं में लेखन कार्य हो, रेडियो-टेलीविजन पर प्रसारित कार्यक्रम या कवियों की मंचीय प्रस्तुतियां हर जगह हिंदी का बोलबाला है।



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भारत में लोगों के बीच संवाद का सबसे बेहतर माध्यम हिंदी है। सही मायनों में हिंदी भारत की संपर्क भाषा की भूमिका निभा रही है।हिंदी की इन्हीं विशेषताओं के कारण पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि हिंदी अनुवाद की नहीं बल्कि संवाद की भाषा है। हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी जन आंदोलनों की भाषा रही है।



हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी अपने सम्बोधनों में मातृभाषा हिंदी का प्रयोग कर अपने मन की बात जनमानस तक पहुंचा कर सबके दिलों पर अमिट छाप छोड़ी हैं। वे न केवल देश अपितु विदेशों में भी हिंदी का परचम लहरा रहे हैं। आज संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में भी हिंदी की गूंज सुनाई देने लगी है।माननीय प्रधानमंत्री महोदय हमारी राजभाषा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने केलिए निरन्तर प्रयासरत हैं। हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हमारी राजभाषा हिंदी शीघ्र ही राष्ट्रभाषा के पद पर शोभायमान होगी।



भारत में हिन्दी की वर्तमान स्थिति




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भारत में हिन्दी की वर्तमान स्थिति, हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी अपने सम्बोधनों में मातृभाषा हिंदी का प्रयोग कर अपने मन की बात जनमानस तक पहुंचा कर सबके दिलों पर अमिट छाप छोड़ी हैं। वे न केवल देश अपितु विदेशों में भी हिंदी का परचम लहरा रहे हैं। #सुनील कुमार, बहराइच (उत्तर प्रदेश)

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