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उत्तराखण्ड समाचार

तीन घंटे पानी में पल-पल दिखी मौत: जान बचाने के लिए नदी में पड़े…

तीन घंटे पानी में पल-पल दिखी मौत: जान बचाने के लिए नदी में पड़े बड़े पत्थरों का लेते रहे सहारा… इधर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बरसात के समय नदी और गधेरों में जाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। टीम में एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर राजेश जोशी, एसआई धमेंद्र कुमार, पटवारी विजय नेगी, राजेंद्र गोस्वामी, विपुल ढौडियाल, प्रयाग जोशी आदि थे।

नैनीताल। जंगल की हरियाली हो, शांति हो और कलकल बहती नदी हो तो किसका नहाने का मन नहीं करेगा…। बस यही सोचकर थोड़ी मस्ती के लिए दिल्ली से आए दो युवक काकड़ीघाट निवासी अपने परिचित और परिचित के जानने वाले 12 वर्षीय बच्चे के साथ नदी में नहाने के लिए उतर गए लेकिन इसके बाद जो हुआ वह रोंगटे खड़े कर देने वाला रहा। तीन घंटे तक ये सभी लोग दूसरे किनारे पर खड़े होकर बहते पानी में ना जाने कितनी बार अपनी मौत को देख चुके थे क्योंकि जिस तरफ ये लोग फंसे थे उधर ऊंचे पहाड़ खड़े थे जहां कोई रास्ता नहीं था।

आखिर बचाव दल को सूचना मिली और चारों को रस्सी के सहारे 50 मीटर चौड़ी नदी को पार कराकर सुरक्षित इस पार लेकर आए। जानकारी के अनुसार द्वारिका उत्तम नगर नई दिल्ली निवासी शिवम जायसवाल (20) व दीपांशु रावत (20) अपने अल्मोड़ा जिले के काकड़ीघाट निवासी दोस्त रोहित बिष्ट (18) से मिलने और यहां घूमने के लिए आए हुए हैं। रविवार को ये तीनों युवा घूमने के लिए निकले। इस दौरान उनके साथ रोहित के परिचित घंगरेटी निवासी विवेक बिष्ट (12) भी हो लिया।

घूमते हुए चारों लोग कोसी नदी किनारे पहुंच गए और नहाने के लिए नदी में उतर गए। अभी इन्हें नहाते हुए कुछ ही मिनट हुए थे कि अचानक नदी का बहाव तेजी से बढ़ने लगा। पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि चारों को किनारे पर आने का मौका ही नहीं मिला। पहले छोटे पत्थरों पर खड़े होकर जान बचाई लेकिन फिर पानी भरने पर और बड़े पत्थर पर चढ़े। ऐसा करते-करते चारों करीब पांच सौ मीटर दूरी तक चलते और बहते हुए आखिर में नदी के दूसरे छोर पर पहुंच गए लेकिन नदी का पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा था। अब ये चारों जिस छोर पर पहुंचे थे वहां पर पहाड़ था जिस पर चढ़ना संभव नहीं था।

करीब तीन घंटे तक चारों दूसरे छोर पर खड़े होकर मदद के लिए आवाज लगाते रहे लेकिन इस छोर से गुजरने वाला कोई उनकी आवाज नहीं सुन सका। इस बीच पानी के तेज बहाव में ना जाने कितनी बार चारों ने अपनी मौत देखी कि शायद आज बचेंगे नहीं। इस बीच खैरना की तरफ आ रहे दिलीप सिंह बोहरा की नजर चारों पर पड़ी। उन्होंने तुरंत आपदा कंट्रोल रूम में घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर चारों को रस्सी से बांधकर एक-एक कर करीब 50 मीटर चौड़ी नदी पार कराई। नदी से सुरक्षित बाहर आने के बाद सभी ने टीम का आभार जताया।

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इधर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बरसात के समय नदी और गधेरों में जाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। टीम में एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर राजेश जोशी, एसआई धमेंद्र कुमार, पटवारी विजय नेगी, राजेंद्र गोस्वामी, विपुल ढौडियाल, प्रयाग जोशी आदि थे।


तीन घंटे पानी में पल-पल दिखी मौत: जान बचाने के लिए नदी में पड़े बड़े पत्थरों का लेते रहे सहारा... इधर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बरसात के समय नदी और गधेरों में जाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। टीम में एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर राजेश जोशी, एसआई धमेंद्र कुमार, पटवारी विजय नेगी, राजेंद्र गोस्वामी, विपुल ढौडियाल, प्रयाग जोशी आदि थे।

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