साहित्य लहर
कविता : आओ एक वृक्ष लगाए
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कविता : आओ एक वृक्ष लगाए… ऊर्जा का बडा स्त्रोत हैं आओं एक वृक्ष तुम लगाओं और एक वृक्ष हम लगाएं इस धरा को हम सब मिलकर फिर से हरा भरा बनाए प्रकृति का सौन्दर्य बढाएं एक वृक्ष तुम लगाओं और एक वृक्ष हम लगाएं… #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
इस धरा को फिर से हरा भरा बनाए
इसे भीषण गर्मी से मुक्त कराए
ठंडी-ठंडी हवा के लिए और
भीनी-भीनी महक के लिए
एक वृक्ष तुम लगाओं और
एक वृक्ष हम लगाएं
चूंकि
हरे भरे वृक्ष ही धरती के आभूषण है
प्रकृति का सौन्दर्य हैं
जीवन का नव संचार हैं
ऊर्जा का बडा स्त्रोत हैं
आओं एक वृक्ष तुम लगाओं और
एक वृक्ष हम लगाएं
इस धरा को हम सब मिलकर
फिर से हरा भरा बनाए
प्रकृति का सौन्दर्य बढाएं
एक वृक्ष तुम लगाओं और
एक वृक्ष हम लगाएं
Nice poem