साहित्य लहर

कविता : पथ में फूल खिलेंगे

देख तुम्हारी मेहनत को जब, सख्त मार्ग भी नम पड़ जाएगा ! पथ में फूल खिलेंगे तुम्हारे हर्ष के जहां तुम्हारा पसीना बह जाएगा।। जब अपनी संघर्षों की पीड़ा पर, तुम हंसकर समय का मरहम लगाओगे देख तुम्हारी प्रतिभा को, ये शूल भी पथ के फूल बनेंगे… #आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका), मध्य प्रदेश, ग्वालियर

अपने भविष्य के निर्माता तुम
स्वयं ही कहलाओगे!
जब पथ पर अपने कांटों को भी
देख कर मुस्कुराओगे।।

पग पग चलते जाना तुम,
विषमताओं से न घबराना तुम !
भविष्य निर्माण की खातिर ही
संभव प्रयासों की अलख जगाना तुम।।

पथ मिले जो पथरीला तुम्हें
खुद से ही मार्ग बनाना तुम,
जहां शूल सी समस्याएं खड़ी हो
तब हंसकर पसीना बहाना तुम।।

देख तुम्हारी मेहनत को जब,
सख्त मार्ग भी नम पड़ जाएगा !
पथ में फूल खिलेंगे तुम्हारे हर्ष के
जहां तुम्हारा पसीना बह जाएगा।।

जब अपनी संघर्षों की पीड़ा पर,
तुम हंसकर समय का मरहम लगाओगे
देख तुम्हारी प्रतिभा को, ये शूल भी पथ के फूल बनेंगे
और तुम देख-देख मुस्कुराओगे।।


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