साहित्य लहर
कविता : समाज सेवा
कविता : समाज सेवा… अंगदान व वक्त दान कीजिए कोई भी नेक कार्य कीजिए परोपकार कीजिए आप आर्थिक दृष्टि से कमजोर हो तो फिर भी तनिक भी न घबराइयें आप समय का दान करके भी समाज की अच्छी सेवा कर सकते हैं बस एक कदम आप बढायें व #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
समाज सेवा की मन में
अगर प्रबल इच्छा है,
दृढ इच्छा शक्ति है तो
बस अपनी सामर्थ्य के अनुसार
रोकडा दान, अन्नदान, कन्यादान,
वस्त्र दान, रक्तदान, देहदान,
अंगदान व वक्त दान कीजिए
कोई भी नेक कार्य कीजिए
परोपकार कीजिए
आप आर्थिक दृष्टि से
कमजोर हो तो फिर भी
तनिक भी न घबराइयें
आप समय का दान करके भी
समाज की अच्छी सेवा कर सकते हैं
बस एक कदम आप बढायें व
एक कदम हम बढायें