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राष्ट्रीय समाचारसाहित्य लहर

बाल साहित्य समागम ‘एक अनूठी पहल’

बाल साहित्य समागम ‘एक अनूठी पहल’… इसी दिन संध्या को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें साहित्यकारों ने जमकर एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति दी और देर तक कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी भागीदारी निभाई और कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। 18 अगस्त को योगा कार्यक्रम भी हुआ. #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

बाल साहित्य समागम जैसे आयोजन की वर्तमान समय में नितांत आवश्यकता है। ऐसे आयोजन से बच्चों के सर्वांगीण विकास में काफी योगदान मिलेगा अन्तर राष्ट्रीय संस्थान अणुव्रत भारती की ओर से प्रकाशित बच्चों का देश मासिक पत्रिका के रजत जयंती के अवसर पर 16 से 18 अगस्त 2024 को बाल साहित्य समागम का आयोजन चिल्ड्रन स पीस पैलेस राजसमंद, राजस्थान के सभागार में हुआ। जिसमे देश भर से आमंत्रित 90 साहित्यकारों ने अपनी भागीदारी निभाई और रविवार के दिन रविवारीय परिशिष्ट में बच्चों के लिए जो बाल साहित्य प्रकाशित होता था वह वर्तमान समय में बंद होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। चूंकि बाल साहित्य बच्चों के सर्वांगीण व्यक्तित्व निर्माण में सहायक सिद्ध होता है।

17 अगस्त 2024 को सवेरे के पहले सत्र में 90 साहित्यकारों मे से तीन तीन के ग्रुप बना कर उन्हें राजसमन्द की 30 स्कूलों में बच्चों से संवाद करने के लिए भेजा गया। एक ही समय में इन साहित्यकारों ने 5 हजार से भी अधिक बच्चों से सीधा संवाद कर एक अनूठा प्रयोग किया एवं बच्चे साहित्य की विभिन्न विधाओं से परिचित हुए। साहित्यकारों से रू ब रू होने से बच्चों में भी साहित्य सृजन के प्रति रूचि जगी। साहित्यकारों ने अपनी बात बच्चों के समक्ष रखने के बाद बच्चों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। इस दौरान बच्चों में काफी उत्साह व उमंग देखी गई।

दोपहर का सत्र चिल्ड्रन स पीस पैलेस राजसमंद के सभा कक्ष में हुआ। यहां विभिन्न सत्रों में साहित्यकारों ने बाल साहित्य – भावी स्वरूप – चुनौतियां और समाधान विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। सात सत्रों में सभी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि आज समाचार पत्रों में बाल साहित्य प्रकाशित होना बंद हो गया है वही दूसरी ओर बच्चों का देश मासिक, देवपुत्र मासिक, व बाल प्रहरी त्रैमासिक जैसी पत्रिकाएं आज भी पूरी तरह बच्चों को समर्पित है और बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध हो रही हैं। सभी सत्रों में अपनी-अपनी सहभागिता निभाने वाले साहित्यकारों को सत्र की समाप्ति पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इसी दिन संध्या को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें साहित्यकारों ने जमकर एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति दी और देर तक कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी भागीदारी निभाई और कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। 18 अगस्त को योगा कार्यक्रम भी हुआ और फिर आयोजन के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 16 अगस्त को प्रात : रजिस्ट्रेशन के दौरान साहित्यकारों को दुपट्टा ओढा कर एवं साहित्य से संबंधित किट प्रदान किया।

इससे पूर्व प्रसाद खिला कर सभी साहित्यकारों का मुंह मीठा कराया समूचे कार्यक्रम के दौरान बच्चों का देश मासिक पत्रिका के सम्पादक संचय जैन, सह सम्पादक प्रकाश तातेड, कार्यालय प्रभारी चन्द्र शेखर देराश्री, अध्यक्ष अविनाश नाहर, प्रबंध सम्पादक पंचशील जैन व अणुविभा संस्थान से जुडा हर कार्यकर्ता साहित्यकारों की सेवा में समर्पित भाव से लगा हुआ था।

बाल साहित्य समागम के दौरान हुआ मंथन बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में सहायक सिद्ध होगा और ऐसे आयोजन समय की मांग है। आयोजक मंडल साधुवाद का पात्र है जिसने साहित्यकारों को बस व रेलवे स्टेशन से लाने व वापस छोडने की व्यवस्था के अतिरिक्त साहित्यकारों के ठहरने, चाय नाश्ते, खाने पीने, घूमने व उनको अणुविभा परिसर की दर्शनीय गैलेरी का अवलोकन कराकर गद् गद् कर दिया। आयोजक मंडल को इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद व साधुवाद।

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बाल साहित्य समागम 'एक अनूठी पहल'... इसी दिन संध्या को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें साहित्यकारों ने जमकर एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति दी और देर तक कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी भागीदारी निभाई और कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। 18 अगस्त को योगा कार्यक्रम भी हुआ. #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

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