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साहित्य लहर

कविता : राधिका

राधिका… सबके ज़ेहन में उमड़ आती कृष्ण के हाथों से मुरली लेकर राधिका उन्हें शाम में कदंब के नीचे बुलाती कृष्ण की याद आज सबको आती सांवले सलोने यमुना फिर उमड़ आती… #राजीव कुमार झा

सुदामा!यह तुम्हारी
दोस्ती के दिन
कितने सुहाने
याद आते गोकुल में
आज कृष्ण के
दीवाने

आंधी रात में गूंजते
प्यार के तराने
यमुना की धार
सबके ज़ेहन में
उमड़ आती
कृष्ण के हाथों से
मुरली लेकर

राधिका उन्हें शाम में
कदंब के नीचे बुलाती
कृष्ण की याद
आज सबको आती
सांवले सलोने
यमुना फिर उमड़ आती

उनके पावन पांवों को
धोने
नंद के गांव में अंधकार
छाया
कृष्ण को लेकर
आज कौन उनके
सौभाग्य द्वार आया

कविता : मीरा


राधिका... सबके ज़ेहन में उमड़ आती कृष्ण के हाथों से मुरली लेकर राधिका उन्हें शाम में कदंब के नीचे बुलाती कृष्ण की याद आज सबको आती सांवले सलोने यमुना फिर उमड़ आती... #राजीव कुमार झा

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