साहित्य लहर

कविता : बात मत करना

कभी भी लड़ने लड़ाने की बात मत करना, हमसे अब हाथ छुड़ाने की बात मत करना, नहीं है याद कितनी बार मिले हम दोनों, कभी भी मिल के बिछड़ने की बात मत करना, तुम कभी जख्म दिखाने की बात मत करना, आंसू आने की कभी हमसे बात मत करना, तुम्हारे आंसुओं से टूट बिखर जाऊंगा, हमारे सामने रोने की बात मत करना। #अजय एहसास, अम्बेडकर नगर ( उप्र)

रूठ जाने की कभी हमसे बात मत करना
टूट जाने की कभी हमसे बात मत करना
न देख सकते हैं आंखों में तुम्हारे आंसू
दिल दुखाने की कभी हमसे बात मत करना।

देर आने की कभी हमसे बात मत करना
जल्दी जाने की कभी हमसे बात मत करना
तुम तो रहते हो सदा दिल दिमाग में मेरे
भूल जाने की कभी हमसे बात मत करना।

हमारे सामने औरों की बात मत करना
तुम्हारे अपने हैं गैरों की बात मत करना
बोलती हो कि किसी और की अमानत हो
यूँ कभी हमको सताने की बात मत करना।

गम के आने की कभी हमसे बात मत करना
जान जाने की कभी हमसे बात मत करना
जहां पे मिल के लोग दूर चले जाते हैं
उस ठिकाने की कभी हमसे बात मत करना।

पास आने की कभी हमसे बात मत करना
आजमाने की कभी हमसे बात मत करना
हम तो रहते हैं तेरे जिस्म में रूहों जैसे
आशियाने की कभी हमसे बात मत करना



कभी भी लड़ने लड़ाने की बात मत करना
हमसे अब हाथ छुड़ाने की बात मत करना
नहीं है याद कितनी बार मिले हम दोनों
कभी भी मिल के बिछड़ने की बात मत करना

तुम कभी जख्म दिखाने की बात मत करना
आंसू आने की कभी हमसे बात मत करना
तुम्हारे आंसुओं से टूट बिखर जाऊंगा
हमारे सामने रोने की बात मत करना।



डर है दुनिया की कभी हमसे बात मत करना
मिले वहां की कभी हमसे बात मत करना
मैं तुम्हारा हूं और तुम सदा से हो मेरी
हमारे बीच में दुनिया की बात मत करना।

अपनी मर्जी की कभी हमसे बात मत करना
खुदगर्जी की कभी हमसे बात मत करना
फायदा देख बदल लेते हैं जो रुख अपना
ऐसे लोगों के मोहब्बत की बात मत करना



दरवाजा दिल खोलने की बात मत करना
किसी भी और को लाने की बात मत करना
बस एक चांद से रौनक बढ़ी मेरे घर की
अब इसे और सजाने की बात मत करना।

कभी भी शक की कभी हमसे बात मत करना
दिल के धक-धक की कभी हमसे बात मत करना
चाहो जितना भी तुम हमसे खफा हो जाओ
बात न करने की कभी हमसे बात मत करना



भीड़ में प्यार दिखाने की बात मत करना
राह में हमको बुलाने की बात मत करना
अकेले तन्हा हो तड़पेंगे हम चाहे जितना
कभी किसी को बताने की बात मत करना।

सच छुपाने की कभी हमसे बात मत करना
किसी बहाने की कभी हमसे बात मत करना
वक्त कैसा भी हो निभा लेना
कभी भी छोड़ के जाने की बात मत करना।



नहीं मिले थे कभी हमसे बात मत करना
चले ना साथ कभी हमसे बात मत करना
मांगा जो भी मिला खुदा से सब
नसीब साथ न देने की बात मत करना।



मिली थी सांस कभी हमसे बात मत करना
किया ‘एहसास’ कभी हमसे बात मत करना
करे जो गुफ्तगू मैं अपना बना लेता हूं
बात करने की कभी मुझसे बात मत करना।


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