साहित्य लहर

लोकतंत्र के मान सम्मान

गोपेंद्र कु सिन्हा गौतम

हम हाथ जोड़ के रहे हैं आह्वान
पैसा,मुर्गा,दारू पर मत दें ध्यान।
पिलाने वाले जीतकर मौज करेंगे
आपके स्वास्थ्य को होगा नुकसान।
अगर ज्यादा गलती से पी लिए तो
बेकार के जा सकती है आपकी जान।
वोट बेचवा का नाम पड़ जायेगा
कहीं न मिलेगा उचित मान सम्मान।
जब जब चुनाव नजदीक आता है
मुफ्त का दौर शुरू कर देते बेईमान।
वे कभी भविष्य की न बात करेंगे
और न देंगे शिक्षा,स्वास्थ्य पर ध्यान।
जाति,धर्म,समुदाय में बांटकर हमें
वे लोग साधते रहते हैं अपना काम।
चुनाव में खूब मस्तक झुकाते
जीत मिलते हो जाते हैं अंतर्ध्यान।
दो तीन महीने गली-गली घूमेंगे
जीतते ही भूल जायेंगे गांव के नाम।
चुनाव में सिर्फ वे हाथ जोड़ेंगे
बाकी दिन आपसे करवायेंगे प्रणाम।
जो लोग रात के अंधेरे में वोट मांगते
समय पर भूल जाते आपकी पहचान।
वोट जनता की असली ताकत है
इसे बेंच मत बेचें आप अपना इमान।
अपने वोट के सदुपयोग करके
करें प्रगतिशील लोकतंत्र के निर्माण।
कर जोर विनती कर रहा गौतम
युवाओं के भविष्य बचाने पर दें ध्यान।
अब आपको ही निर्णय करना है
आपके हाथ लोकतंत्र के मान सम्मान।

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