साहित्य लहर

हरतालिका तीज : अनूठा विश्वास व्रत

डॉ. रीना रवि मालपानी
(कवयित्री एवं लेखिका)

अखंड सौभाग्य प्राप्ति के निमित्त किया जाता यह व्रत।
सृष्टि की अनुपम जोड़ी करती जीवन में ज्योति जागृत॥

हिमालय की पुत्री ने की तपस्या अविचल।
शिव प्राप्ति के लिए छोड़ दिया अन्न और जल॥

शिव-शक्ति देते अखंड सौभाग्य का वरदान।
पार्वती ने किया सच्चे मन से इस दिन ध्यान॥

भगवान शिव और पार्वती करेंगे सारे कष्ट दूर।
शिव के आशीर्वाद से बना रहता सुहागिन का नूर॥

सच्चे समर्पित प्रेम के लिए थी माता निराहार।
शिव जैसा जीवनसाथी तो करता है उद्धार॥

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पति की लंबी आयु के लिए स्त्रियाँ करेंगी प्रार्थना।
शिव ने व्यर्थ न जाने दी थी शक्ति की आराधना॥

शिव की प्राप्ति के लिए उमा ने की थी कठोर तपस्या।
शिव के मिलने से ना रही जीवन में कोई समस्या॥

शिव के अनूठे गुणों का किया था माँ पार्वती ने सम्मान।
गृहस्थ जीवन में होता है शिव-शक्ति की महिमा का गुणगान॥

देवी ने किया था पूरे मनोयोग से महादेव का आह्वान।
शिव शंभू ने पूजन अर्चन को स्वीकारा और बने करुणावान॥

भक्ति स्वरूपा पार्वती की आराधना देती इस व्रत को महत्व।
डॉ. रीना कहती, जीवन का सम्पूर्ण सार है शिव तत्व॥

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