राष्ट्रीय समाचार

मगही और लोक संस्कृति के संरक्षण ससंभव है सामाजिक एकता

मगही और लोक संस्कृति के संरक्षण ससंभव है सामाजिक एकता… हमारी पुरातन सांस्कृतिक विरासत को विकसित और संरक्षित करना आवश्यक है। मगही और लोक संस्कृति के संरक्षण से एकता और समन्वय संभव है।

नवादा। युगलकिशोर मिश्र मगही लोक संस्कृति संरक्षण सम्मान 2024 का आयोजन कोशिश फाउंडेशन बुधौल नवादा की ओर से वीणापाणि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुधौल की परिसर में सम्पन्न किया गया। सम्मान समारोह की अध्यक्षता सुमन कोशिश फाउंडेशन की अध्यक्षा कवित्री लेखिका वीणा कुमारी मिश्र ने की एवं अपार समाहर्ता चंद्रशेखर आजाद मुख्य अतिथि, साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक, स्वंर्णिम कला केंद्र मुजफ्फरपुर की अध्यक्षा उषा किरण श्रीवास्तव, मगही साहित्य के कवि नरेंद्र सिंह, मगही मगध नागरिक संघ के अध्यक्ष पारस सिंह आदि शामिल हुए।

सम्मान समारोह में लेखिका वीणा मिश्रा की पुस्तक अनकही रागिनी कविता संग्रह एवं यादों के वो पल स्व. श्री युगल किशोर मिश्रा जी को श्रद्धा सुमन का विमोचन एवं युगल किशोर मिश्र मगही लोकसंस्कृति संरक्षण सम्मान 2024 के अंतर्गत 60 विभिन्न मगही लोक संस्कृति संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लेखन, गायन, आदि क्षेत्रों में कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।

समारोह में साहित्यकार एवं इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक को मगही साहित्य और लोक संरक्षण हेतु समर्पित सेवा के लिए सांस्कृतिक विरासत एवं मगही के संरक्षण सम्मान में मोमेंटो, अंगवस्त्र एवं प्रस्सति पत्र एवं स्वंर्णिम कला केंद्र एवं वसुंधरा की संपादिका उषा किरण श्रीवास्तव को लोक संस्कृति संरक्षण सम्मान से मेमन्टो, अंग वस्त्र एवं प्रसस्ति पत्र देकर सम्मनित किया गया।

आगत अतिथियों का स्वागत कोशिश फाउंडेशन बुधौल नवादा के सचिव नीरज कुमार नई किया। साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि मगही और लोक संस्कृति का संरक्षण से भावी पीढ़ियों एवं समाज की एकता और विरासत का बिम्ब संभव है। मगही साहित्य और लोक संस्कृति में हमारी पुरातन सांस्कृतिक विरासत को विकसित और संरक्षित करना आवश्यक है। मगही और लोक संस्कृति के संरक्षण से एकता और समन्वय संभव है।

विमोचन समारोह : शिक्षण में लाभकारी सिद्ध होगी पुस्तक


मगही और लोक संस्कृति के संरक्षण ससंभव है सामाजिक एकता... हमारी पुरातन सांस्कृतिक विरासत को विकसित और संरक्षित करना आवश्यक है। मगही और लोक संस्कृति के संरक्षण से एकता और समन्वय संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights