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इमामगंज में शिक्षा विभाग की अजब-गजब कहानी, राम भरोसे बच्चों की जिंदगी

शिक्षा व्यवस्था, मध्यान भोजन, बाथरूम में लगे रहते ताले, बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं है रूम में पंखे, खुला आसमान में बच्चों पढ़ने में मजबूर, ग्रामीणों ने किया जमकर हंगामा

इमामगंज में शिक्षा विभाग की अजब-गजब कहानी, राम भरोसे बच्चों की जिंदगी… जैसा लग रहा था कि खिचड़ी में सिर्फ पानी की पानी नजर आ रहा था। ऐसे विभिन्न समस्याओं को लेकर हम लोगों ने स्थानीय प्रखंड शिक्षक अधिकारी से भी संपर्क साधने की कोशिश किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासी समझा। #संवाददाता अशोक शर्मा

गया, बिहार। गया जिला के इमामगंज में बच्चों के शिक्षा अधिकार कानून के लिए भले ही सरकार लाख प्रयास कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। न तो यहां सरकारी आदेश-निर्देश का कोई मायने है और न ही बच्चों की शिक्षा अथवा सुरक्षा का इंतेजाम। यूं कहिए तो सबकुछ रामभरोसे। ये है इमामगंज प्रखंड अंतर्गत सरकारी मध्य विद्यालय वभण्डीह का जो अजब स्कूल है और गजब कहानी है। यहां बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा व्यवस्था की लचर कहानी है।

वहीं बुधवार को शिक्षा व्यवस्था को सुधार को लेकर गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने स्कूल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया। वही हंगामा कर रहे ग्रामीणों को कहना था कि मध्य विद्यालय वभण्डीह का शिक्षा व्यवस्था का हाल बिल्कुल पूरी तरह चरमरा गई है। इस विद्यालय में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी जाती है। बच्चे स्कूल के दौरान स्कूल से बाहर घूमते रहते हैं। इस दौरान टीचर अपने आप में गुपत-गु बातें करने में उलझे हुए रहते हैं। इन शिक्षकों को नोनीहाल बच्चों को भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं है और न शिक्षित बनाने में इनका कोई भूमिका पूर्ण नहीं रहती है।

बच्चे जहां घूम या जहां खेल बाहर जा रहे हैं, या घर जा रहे हैं, उनको यह सब कोई परवाह नहीं रहता है। जब हम लोग कुछ बोलने की कोशिश करते हैं तो वहां के प्रिंसिपल हम लोगों से ही उलस जाते हैं। इस विद्यालय में पांच रूम है। जिसमें एक रूम में एक दबंग का कब्जा है। और वह रूम बंद रहता है। इसके कारण विद्यालय की कई बच्चे इस भीषण गर्मी में खुले आसमान में पढ़ते हैं। जब हम लोग इस बिंदु पर प्रिंसिपल से बात करते हैं तो कहते हैं कि हम क्या करें हम बोलते-बोलते थक हार गए हैं। अब आप लोग ही बोलिए जो रूम में ताला लगा कर रखा हुआ है वह विद्यालय जाकर रूम का ताला खोले।

इसके साथ ही विद्यालय में मेनू के अनुसार बच्चों को अच्छे मध्यान भोजन नहीं दी जाती है। बच्चों को शुक्रवार को जो अंडा या फल मेनू के अनुसार दिया जाना है उसमें भी कटौती की जाती है। इसके साथ ही विद्यालय में बच्चों को जाने के लिए दो बाथरूम बनाए गए उसमें ताला लड़का हुआ रहता है। किसके कारण बच्चों को शौचालय जाने के लिए उनको घर का दूरी तय करना पड़ता है। इसके कारण कई बच्चे को रास्ते में जाने के दौरान ही बाथरूम कपड़े में ही जाती है। यह समस्या इन लोगों का हर दिन का बना रहता है।



वहीं जब बुधवार को यही सभी समस्या को लेकर हम लोग आम जनता विद्यालय में पहुंचकर प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश किए हैं। लेकिन प्रिंसिपल साहब इन समस्याओं इग्नोर करते नजर आए और बोले कि आप लोगों को जहां जाना है वहां जाओ हमें कोई कुछ नहीं कर लेगा। वही इस दौरान जब हम लोगों ने रसोई घर की तलाशी ली तो वहां पर खिचड़ी बनाई जा रही थी बिल्कुल खिचड़ी में दाल चावल से ज्यादा मात्रा में पानी था। खिचड़ी से पोस्टीक आहार हरी सब्जी गायब थी। जैसा लग रहा था कि खिचड़ी में सिर्फ पानी की पानी नजर आ रहा था। ऐसे विभिन्न समस्याओं को लेकर हम लोगों ने स्थानीय प्रखंड शिक्षक अधिकारी से भी संपर्क साधने की कोशिश किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासी समझा।



क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण प्रकाश कुमार

इस संबंध में ग्रामीण प्रकाश कुमार ने बताया कि विद्यालय में बहुत समस्या है। विद्यालय में जो रूम है उसमें एक पंख लगे हुए हैं। रूम सभी बड़ा-बड़ा है। बच्चों की संख्या अधिक है। ऐसे में एक पंख से बच्चों इस भीषण गर्मी झेल नहीं पा सकते। ऐसे में सभी रूम में दो-दो पंखे लगनी चाहिए क्योंकि गर्मी काफी अधिक है। यहां गर्मी 46-47 डिग्री पर है। विद्यालय में जो शौचालय उसमें ताला भी लटका हुआ रहता है। बच्चों को नित्य क्रिया में दिक्कत होती है। उन्हें शौचालय के लिए घर जाना पड़ता है। ऐसे उनको कभी कबार कपड़े में ही शौचालय हो जाती है। इसके साथ ही विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी जाती है। स्कूल के समय शिक्षक आपस में गुप्त चुप करते नजर आते हैं।



बच्चे बाहर खेलते नजर आते हैं। ऐसे तमाम समस्या इस स्कूल में है। हम सरकार और प्रशासन से मांग करें कि इस विद्यालय में अच्छे से जांच कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ मध्यान भोजन और अच्छी सुविधा दिया जाए। वार्ड नं एक के बाढ़ पार्षद कमलेश कुमार ने बताया कि हम स्थानीय जनप्रतिनिधि के नाते मंगलवार को विद्यालय को निरीक्षण करने के लिए निकले थे। इस बीच हम क्या देखें की विद्यालय के बाथरूम में ताला लटके हुए थे।



एक बच्ची उसका बाथरूम लगा हुआ था वह घर जा रही थी। जब उससे हम पूछे कि कहां जा रही हो तो बोली कि हम स्कूल से बाथरूम के लिए घर जा रहे हैं। इस दौरान कुछ आगे बढ़े तो बच्ची अपने कपड़े में ही बाथरूम कर दी। जब स्कूल में आगे बढ़े तो देख की कुछ बच्चे स्कूल के बाहर एवं स्कूल में खेल रहे हैं। वही स्कूल के कई शिक्षक आपस में बात करते हुए दिखाई दिए। इसके बाद जब हमने स्कूल की समस्याओं को लेकर प्रिंसिपल से बात करते हुए कहा कि आप स्कूल में शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सभी व्यवस्था सुधार लाइए। तो प्रिंसिपल मैडम इस बात गुस्से में होकर खरी खोटी बोलने लगी।



इसके बाद हम लोगों ने बुधवार को सैकड़ों ग्रामीणों एक साथ पहुंचकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को रूम में पढ़ने के लिए बेंच, भीषण गर्मी से बचने के लिए पंखे, बच्चों को दिनभर खुला रखने के लिए शौचालय आदि बिंदुओं पर बात कर उन्हें सुधार लाने की अपील किये है। अगर सुधार नहीं लाते हैं तो हम लोग वरीय अधिकारियों के पास इसकी शिकायत करें। वही कमलेश कुमार ने सरकार और प्रशासन से मांग किया है कि इस विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ अच्छी व्यवस्था और बच्चों को मध्यान भोजन में अच्छे खाने दिए जाने की मांग किया है। इसके साथ ही विद्यालय में बच्चों को भीषण गर्मी से बचने के लिए हर रूम में दो-दो पंखे लगाने की मांग किया है।



क्या बताते है प्रधानाध्यापिका

इस संबंध में प्रधानाध्यापिका लालमति कुमारी से ग्रामीणों के द्वारा किए जा रहे हैं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अन्य समस्या को लेकर उनसे बात किया तो वह इस मामले को लेकर सीधे से खारिज करते हुए कहा कि ग्रामीणों के द्वारा जो भी आरोप लगाया जा रहे हैं वह बिल्कुल बेबुनियाद और झूठा आरोप लग रहे हैं। यहां सब कुछ ठीक है। विद्यालय में ग्रामीणों ने भी फालतू में हंगामा किए हैं, इसको लेकर हम थाना में प्राथमिक की दर्ज करवाएंगे। जब हमने मध्यान भोजन को लेकर प्रिंसिपल साहब से बात किया तो उन्होंने इस बात को लेकर गुस्से में तीलमिलागई और कहने लगे कि आप लोग वे फालतू का बात मत बतियाए। यहां हम लोग सब कुछ ठीक से स्कूल चला रहे हैं। आप लोग को जो करना है, जैसे खबर छापना है छापीए हमें कोई दिक्कत नहीं है हमें कोई कुछ नहीं कर लेगा।



क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीओ) डॉ ओमप्रकाश ने बताया कि यह मामला हमें आप लोगों से प्राप्तहुई है। हम अन्य सभी बिंदुओं पर स्कूल में जांच करवा कर कार्रवाई करेंगे। जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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