उत्तर प्रदेश

गहरी नींद में हमेशा के लिए सो गए आठ लोग

गहरी नींद में हमेशा के लिए सो गए आठ लोग… घटना के वक्त सभी लोग सो रहे थे। अचानक बालू भरा ट्रक पलटा, तो कुछ लोग ट्रक के नीचे दब गए, जबकि कुछ बालू के ढेर में। घटना में घायल हुई बिट्टू तक को चीखने और चिल्लाने का मौका नहीं मिला। जब बालू हटाई जा रही थी तब उसने अपना हाथ बाहर निकाला और इसी से लोगों को पता चला कि वह जीवित है। 

हरदोई। मल्लावां कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत उन्नाव मार्ग पर चुंगी नंबर दो के पास सड़क किनारे झोपड़ी के बाहर सो रहे परिवार पर बालू लदा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया था। घटना में एक ही परिवार की तीन पीढि़यों के आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि एक मासूम घायल हो गई। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद बालू हटाकर शव निकाले जा सके।

हरदोई जिले में दिन भर हाड़तोड़ मेहनत के बाद किसी तरह गुजर बसर करने वाले नट बिरादरी के दस परिवार मंगलवार रात अपनी झोपड़ियों में सोए थे। झोपड़ी के अंदर गर्मी बहुत थी तो धीरे धीरे सारे परिवारों ने अपनी झोपड़ियों के आगे चारपाई डाल दी। रात में हल्की हवा चली तो दिन भर की मेहनत से थके लोग सुकून की नींद सो गए। आधी रात के बाद गहरी नींद में सो रहे इन्हीं में से एक परिवार पर मौत ने झपट्टा मारा, तो फिर यह लोग हमेशा के लिए सो गए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक साथ आठ शव देखकर हर किसी का कलेजा भर आया। चीख पुकार की आवाज दोपहर तक थमी ही नहीं। मल्लावां में उन्नाव मार्ग पर सड़क किनारे सो रहे परिवार पर बालू लदा ट्रक पलटने की घटना को लेकर जिले भर में शोक का माहौल है। अवधेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ही विवाहित बेटी और उसके पति व बच्चों के साथ गुजर बसर कर रहे थे।

पिछले तीन माह से अवधेश की बेटी हीरो अपने पति करन और दो बच्चों कोमल उर्फ बिहारी व बिट्टू के साथ मल्लावां में साथ में ही रह रही थी। मंगलवार रात अचानक हुई घटना से कोहराम मच गया। जब तक सूरज उगा तब एक परिवार हमेशा के लिए अस्त हो चुका था। सीएचसी में रखे रखे शवों के पंचनामे की कार्रवाई सीओ बिलग्राम सुनील शर्मा ने अपनी देखरेख में करवाई, तो कुछ पल के लिए वह भी भावुक नजर आए।

घटना के वक्त सभी लोग सो रहे थे। अचानक बालू भरा ट्रक पलटा, तो कुछ लोग ट्रक के नीचे दब गए, जबकि कुछ बालू के ढेर में। घटना में घायल हुई बिट्टू तक को चीखने और चिल्लाने का मौका नहीं मिला। जब बालू हटाई जा रही थी तब उसने अपना हाथ बाहर निकाला और इसी से लोगों को पता चला कि वह जीवित है। अन्य लोगों को भी चीखने चिल्लाने का मौका नहीं मिला।



मंगलवार आधीरात के बाद हुई घटना से यातायात भी प्रभावित हो गया। मुख्य मार्ग पर ही बालू भरा ट्रक पलटने के कारण बिलग्राम-कन्नौज मार्ग के आगे सदरपुर के पास बैरिकेडिंग लगाकर उन्नाव जाने वाले वाहनों को डायवर्ट किया गया। मल्लावां में भी बैरीकेडिंग लगाकर वाहनों को रोका गया। घटना के बाद लगभग पांच घंटे तक आवागमन बाधित रहा। सुबह छह बजे जब हाइड्रा से ट्रक को हटा दिया गया तब उन्नाव मार्ग पर यातायात शुरू हुआ।



कब क्या हुआ

  • रात 1:30 बजे हादसा हुआ।
  • 1:45 बजे पुलिस मौके पर पहुंची।
  • 1:50 बजे नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि पहुंच गए।
  • दो बजे सीओ बिलग्राम सुनील शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे।
  • 3:50 बजे दो महिलाएं और पुरुष ट्रक के नीचे से निकाले गए।
  • पांच बजे नीचे दबे सभी लोगों को निकालकर सीएचसी पहुंचाया गया।
  • 5:15 बजे आठ लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।
  • 6:40 बजे शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए।
  • सात बजे एसडीएम बिलग्राम घटनास्थल देखते हुए सीएचसी पहुंचीं।
  • 7:10 बजे डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे।



मल्लावां कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत उन्नाव मार्ग पर चुंगी नंबर दो के पास सड़क किनारे झोपड़ी के बाहर सो रहे परिवार पर बालू लदा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया था। घटना में एक ही परिवार की तीन पीढि़यों के आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि एक मासूम घायल हो गई। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद बालू हटाकर शव निकाले जा सके। घटना की जानकारी पर डीएम और एसपी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे।



पुलिस ने ट्रक चालक और हेल्पर को हिरासत में ले लिया था। मल्लावां कस्बे में उन्नाव मार्ग पर मोहिउद्दीनपुर में नट बिरादरी के लोग सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर कई दशक से रह रहे हैं। इन्हीं में शामिल अवधेश उर्फ बल्ला (45), पत्नी सुधा उर्फ मुंडी (42), पुत्री सुनैना (11) राधारानी उर्फ लल्ला (5), बुद्धु (4), हीरो (22) और हीरो का पति बिलग्राम कस्बे के मोहल्ला कासूपेट निवासी करन (24), उसका पुत्र बिहारी उर्फ कोमल (5) व पुत्री बिट्टू (4) मंगलवार की रात भीषण गर्मी होने के कारण अपनी झोपड़ी के बाहर सोए थे।



आधी रात लगभग डेढ़ बजे कानपुर की तरफ से आया बालू लदा ट्रक स्पीड ब्रेकर से गुजरते समय अनियंत्रित होकर सड़क किनारे सो रहे लोगों पर पलट गया। बालू लदा ट्रक पलटने की जानकारी से पड़ोसियों में भगदड़ मच गई। घटना की जानकारी पुलिस को देने के साथ ही पड़ोस के लोग हाथों से ही बालू हटाने की कवायद करने लगे। इसी बीच हादसे के बाद करीब 20 मिनट में पहुंचे नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि परवेज ने जेसीबी मंगवाई।



इस बीच पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बालू के नीचे लोगों के दबे होने के कारण धीरे-धीरे बालू हटाई गई। सुबह लगभग पांच बजे ट्रक और बालू के नीचे दबे बल्ला, सुधा, सुनैना, राधारानी, बुद्धु, हीरो, करन और बिहारी उर्फ कोमल के शव निकाल लिए गए, जबकि बिट्टू जीवित मिली। बिट्टू को आनन फानन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मल्लावां में भर्ती कर उपचार शुरू कराया गया।

चिल्लाते रहे यात्री, चालक तेज रफ्तार में दौड़ाता रहा बस


गहरी नींद में हमेशा के लिए सो गए आठ लोग... घटना के वक्त सभी लोग सो रहे थे। अचानक बालू भरा ट्रक पलटा, तो कुछ लोग ट्रक के नीचे दब गए, जबकि कुछ बालू के ढेर में। घटना में घायल हुई बिट्टू तक को चीखने और चिल्लाने का मौका नहीं मिला। जब बालू हटाई जा रही थी तब उसने अपना हाथ बाहर निकाला और इसी से लोगों को पता चला कि वह जीवित है। 

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