राष्ट्रीय समाचार

120 साल बाद आया सबसे शक्तिशाली भूकंप

भारी तबाही : मोरक्को में आया भूकंप, 1000 लोगों की मौत

120 साल बाद आया सबसे शक्तिशाली भूकंप, प्रधानमंत्री मोदी ने मोरक्को में भीषण भूकंप में लोगों की मौत पर शनिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस मुश्किल वक्त में उसे हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। मोरक्को के गृह मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार रात आए भीषण भूकंप में कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई।

उत्तरी अफ्रीका के देश मोरक्को में आज तड़के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचा दी है। यह भूकंप उस समय आया जब लोग सो रहे थे। भूकंप से कई इमारतें भरभरा कर गिर गई। जोरदार भूकंप के बाद लोग घबराकर अपने-अपने घर छोड़कर भाग गए। भूकंप के कारण ऐतिहासिक इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है और बिजली की कटौती भी हो गई है।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि भूकंप रात 11:11 बजे (2211 GMT) मार्राकेश से 44 मील (71 किलोमीटर) दक्षिण-पश्चिम में 18.5 किलोमीटर की गहराई पर आया। स्पेक्टेटर के मुताबिक, मोरक्को में आए भूकंप से अब तक कम से कम 1000 लोगों की मौत हो गई है और 400 लोग घायल हो गए हैं। बीएनओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मोरक्को में आए 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद देश में दहशत का माहौल है।

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इस भूकंप के कुछ वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिखाया गया है कि भूकंप आने के बाद सामान गलियों में बिखरा पड़ा है। कई लोग शॉपिंग सेंटर, रेस्तरां और अपार्टमेंट इमारतों से बाहर भागते दिखाई दिए। भूकंप की तीव्रता को लेकर यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश किए, जिसको लेकर उन्होंने आर्थिक नुकसान को दर्शाने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें ज्यादा नुकसान की संभावना जताई गई है।

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मराकेश के रहने वाले ब्राहिम हिम्मी ने कहा कि उन्होंने पुराने शहर से एम्बुलेंसों को निकलते देखा और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्होंने कहा कि कई लोग डरे हुए हैं और दोबारा भूकंप आने की आशंका से बाहर रह रहे हैं। US जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश करते हुए भूकंप के झटकों की वजह से हुई मौतों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो दर्शाता है कि कुछ हताहत होने की संभावना है। USGS ने कहा, “इस क्षेत्र की आबादी वैसे इलाकों में रहती है, जो भूकंप के झटकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।”

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बता दें, अफ्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में 2004 के दौरान आए तेज भूकंप के झटकों की वजह से कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए थे। 1980 में मोरक्को के पड़ोसी देश अल्जीरिया में आए 7.3 तीव्रता के तेज भूकंप की वजह से 2,500 लोग मारे गए थे और कम से कम 3 लाख लोग बेघर हो गए थे। जिसे हाल के इतिहास में सबसे बड़े और सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है। मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है।



प्रधानमंत्री मोदी ने मोरक्को में भीषण भूकंप में लोगों की मौत पर शनिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस मुश्किल वक्त में उसे हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। मोरक्को के गृह मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार रात आए भीषण भूकंप में कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई। मोरक्को वासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में बदली दिखाई दे रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है। मोरक्को के ऐतिहासिक शहर मराकेश के चारों ओर बनी प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।


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120 साल बाद आया सबसे शक्तिशाली भूकंप, प्रधानमंत्री मोदी ने मोरक्को में भीषण भूकंप में लोगों की मौत पर शनिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस मुश्किल वक्त में उसे हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। मोरक्को के गृह मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार रात आए भीषण भूकंप में कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई।

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