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विदेश में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा

विदेश में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, 300 लोगों को बनाया शिकार… इसके बाद स्टोर कीपर के नाम पर पांच लाख रुपये, स्टोर सुपरवाइजर के नाम पर 15 लाख रुपये व इसी प्रकार से अन्य पदों के अनुसार पैसे मांगे जाते थे। कुल रकम का 10 प्रतिशत आवेदक से फाइल आगे बढ़ाने के लिए तुरंत ले लिया जाता था। शेष रकम ज्वाइनिंग लेटर के बाद लेते थे।

नोएडा। कनाडा और सर्बिया समेत अन्य देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने किया है। कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने सरगना समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया, इनमें छह महिलाएं हैं। आरोपियों ने 300 से अधिक लोगों से ठगी की है। ये जालसाज वर्किंग वीजा व नौकरी लगवाने के नाम पर पांच से 15 लाख रुपये तक लेते थे। पुलिस गिरोह के अन्य आरोपियों के बारे में पता लगा रही है।

केरल निवासी प्रमोद राघवन ने साइबर हेल्प डेस्क से शिकायत की थी कि सेक्टर-63 स्थित बियांड स्पार्क ओवरसीज नामक कॉल सेंटर ने विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी की है। इसके बाद 15 से अधिक लोगों ने इसी तरह की शिकायत नोएडा पुलिस से की। कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस टीम ने जब इस कॉल सेंटर पर दबिश दी, तब पता चला कि यहां से फ्रॉड हो रहा है।

पुलिस ने मौके से नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के कविनगर निवासी पंकज कुमार, मनप्रीत कौर, खुर्जा निवासी सोनू कुमार, प्रतापगढ़ निवासी राहुल सरोज, मथुरा निवासी प्रशंसा कुलश्रेष्ठ, दिल्ली निवासी दीपाली, नोएडा के सेक्टर-121 निवासी महिमा अग्रवाल, सेक्टर-34 निवासी ममता यादव और फिरोजाबाद निवासी तनिष्का शर्मा के रूप में हुई है। पंकज कुमार और उनकी पत्नी मनप्रीत कौर कॉल सेंटर की निदेशक हैं। पुलिस ने मौके से 24 लैपटॉप, एक एप्पल टैब, एक सीपीयू, स्वाइप मशीन, तीन पेमेंट क्यूआर कोड और दस मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद किया।

एसीपी दीक्षा सिंह ने बताया कि इन लोगों ने सेक्टर-63 में कॉल सेंटर का सेटअप बनाकर रखा था। ठगी करने के लिए सबसे पहले ये लोग विदेश जाने के इच्छुक लोगों का डाटा एकत्र करते थे। इसके बाद उन लोगों से चैटिंग व कॉलिंग कर बताते थे कि कनाडा के एलबर्टा, एडमंटन में स्टोर कीपर, स्टोर सुपरवाइजर एवं एडमिन आदि पदों पर नौकरी की वैकेंसी है। इसके अलावा सर्बिया के कुछ शहरों का भी नाम बताते थे। इसके लिए दो लाख रुपये की सैलरी का झांसा देते थे।

इसके बाद स्टोर कीपर के नाम पर पांच लाख रुपये, स्टोर सुपरवाइजर के नाम पर 15 लाख रुपये व इसी प्रकार से अन्य पदों के अनुसार पैसे मांगे जाते थे। कुल रकम का 10 प्रतिशत आवेदक से फाइल आगे बढ़ाने के लिए तुरंत ले लिया जाता था। शेष रकम ज्वाइनिंग लेटर के बाद लेते थे। ठगी के लिए दक्षिण भारत के राज्यों के अधिकतर लोगों से संपर्क करते थे, ताकि आसानी से पुलिस से शिकायत न कर पाएं।

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विदेश में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा, 300 लोगों को बनाया शिकार... इसके बाद स्टोर कीपर के नाम पर पांच लाख रुपये, स्टोर सुपरवाइजर के नाम पर 15 लाख रुपये व इसी प्रकार से अन्य पदों के अनुसार पैसे मांगे जाते थे। कुल रकम का 10 प्रतिशत आवेदक से फाइल आगे बढ़ाने के लिए तुरंत ले लिया जाता था। शेष रकम ज्वाइनिंग लेटर के बाद लेते थे।

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