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नारायण साईं को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

इस मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई। आसाराम को साल 2018 में जोधपुर की एक कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। उस वक्त आसाराम की पत्नी हरपलानी ने खुशी जाहिर करते हुए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। लेकिन बहू हरपलानी उर्फ शिल्पी उसके परिवार के लिए मुसीबत बन गई। 

अहमदाबाद। स्वयंभू संत आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं की जमानत अर्जी खारिज करने का रुख अपनाते हुए उसे वापस ले लिया गया। हाईकोर्ट ने पर्याप्त दस्तावेज न होने के कारण जमानत देने से इनकार कर दिया है। नारायण ने अपने बीमार पिता की सेवा के लिए अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट का कहना है कि इससे पहले उन्होंने झूठे दस्तावेज पेश किए थे। इस वजह से वो अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। उनके द्वारा कोर्ट में पेश किए गए सभी दस्तावेजों का सत्यापन जरूरी है।

नारायण साईं ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि उसके माता और पिता बुजुर्ग हैं। वो उनकी इकलौती संतान है। उसके पिता आसाराम बहुत बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में उसे जमानत दी जाए, ताकि वो अपने माता-पिता की देखभाल और सेवा कर सके। आसाराम की बीमारी की गंभीरता को दिखाने के लिए उसने एम्स की रिपोर्ट भी याचिका के साथ संलग्न की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने नारायण का पूर्व ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए उसे फटकार लगाई और याचिका को खारिज कर दिया।

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इससे पहले रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे नारायण साईं की फरलो पर भी सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है। साल 2021 में उसको गुजरात हाईकोर्ट ने 14 दिन की फरलो पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने जून 2021 में नारायण को 14 दिन की फरलो पर रिहा करने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस वक्त इस मामले में गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे।

बताते चलें कि साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने आरोप लगाया था कि आसाराम और नारायण साईं ने उनके साथ रेप किया है। दोनों बहनों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साल 2002 और 2005 में बाप और बेटे ने उनको कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया। दोनों बहनें आसाराम के आश्रम में साधक बनकर रह रही थीं। इस दौरान आसाराम और नारायण की पत्नियां ही उन्हें उनके पास ले जाया करती थी। इसके बाद दोनों बाप-बेटे उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाते थे।

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रेप पीड़िताओं ने बताया था कि नारायण साईं उनको कई जगहों पर ले जाकर शारीरिक शोषण किया था। यहां तक कि अप्राकृतिक संबंध भी बनाया करता था। वो अक्सर ऐसा कई लड़कियों के साथ करता था। उसने कई लड़कियों से जिस्मानी रिश्ते बनाए थे। जब लड़कियों ने उसके खिलाफ रेप की शिकायत की तो वो कहता कि उनसे बहुत प्यार करता है। इतना ही नहीं उन्हें लव लेटर लिखकर अपने प्यार का इजहार भी किया करता था। दिल्ली पुलिस ने उसको दिसंबर 2013 में गिरफ्तार किया था।



इस मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई। आसाराम को साल 2018 में जोधपुर की एक कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। उस वक्त आसाराम की पत्नी हरपलानी ने खुशी जाहिर करते हुए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। लेकिन बहू हरपलानी उर्फ शिल्पी उसके परिवार के लिए मुसीबत बन गई। उसने कोर्ट से तलाक की अर्जी लगाते हुए अपने पति से 5 करोड़ रुपए की बड़ी रकम की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने नारायण को हर महीने 50 हजार देने को कहा था।

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इसके बाद नारायण साईं की पत्नी ने दावा किया था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उसे पैसे नहीं दिए जा रहे। इसलिए वो अब उनसे तलाक के साथ-साथ 5 करोड़ रुपये की मांग कर रही है। दूसरी तरफ आसाराम की पत्नी और उसकी बेटी भारती को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था। आसाराम की पत्नी और बेटी समेत पांच महिलाओं के खिलाफ बलात्कार के मामले में ये नोटिस भेजा गया था। इसमें उन दोनों को आसाराम और नारायण के अपराधों में सहभागी बताया गया था।

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