उत्तर प्रदेश

पत्नी को हाईप्रोफाइल लोगों के पास भेज अंतरंग पलों को करता था रिकॉर्ड

पत्नी को हाईप्रोफाइल लोगों के पास भेज अंतरंग पलों को करता था रिकॉर्ड, बता दें कि महाराष्ट्र निवासी सना खान बीजेपी की नेत्री थी। वह बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की महामंत्री थी। हत्या के बाद उसकी लाश अभी तक नहीं मिली है। हत्यारोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है।

नागपुर। सना खान का कत्ल हुए करीब 20 दिनों का वक्त गुजर चुका है। इस सिलसिले में रिपोर्ट लिखवाए हुए करीब 18 दिन गुजर चुके हैं, जबकि पुलिस को इस मामले में मुख्य आरोपी अमित साहू उर्फ पप्पू साहू को गिरफ्तार किए करीब 10 दिनों का वक्त हो चुका है, लेकिन मुल्जिम की गिरफ्तारी और उसकी निशानदेही के बावजूद सना की लाश का कोई ठिकाना नहीं है। अलबत्ता उसके कत्ल को लेकर अब एक नई और चौंकाने वाली कहानी जरूर सामने आ गई है।

ये कहानी है हनीट्रैप में सना खान के इस्तेमाल की। और इसी हनीट्रैप के रुपयों के बंदरबांट के सिलसिले में हुए उसके कत्ल की। दरअसल, नागपुर में सना खान की मां मेहरुन्निसा ने इस सिलसिले में पुलिस को एक नई शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह जबलपुर का रहनेवाला कारोबारी अमित साहू उनकी बेटी को हनीट्रैपके खेल में चारे की तरह इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस का कहना है कि जब उसने इस पहलू की जांच की, तो उसे हनीट्रैप के इस रैकेट को लेकर कई चौंकानेवाली जानकारी हाथ लगी।

पुलिस को पता चला कि साहू के इशारे पर सना नागपुर, जबलपुर समेत आस-पास के इलाके में बड़े और प्रभावशाली लोगों के पास जाया करती थी। जहां इन अमीर और प्रभावशाली लोगों से रिश्ते बनाने के दौरान सना और साहू उन अंतरंग पलों की तस्वीरें चुपके से अपने मोबाइल फोन और दूसरे डिवाइसेज में कैद कर लिया करते थे, जिसके बाद इन लोगों को ऐसी तस्वीरों और वीडियोज के सहारे ब्लैकमेल किया जाता था।

पुलिस की मानें तो शुरुआती पूछताछ में अमित साहू ने हनीट्रैप रैकेट चलाने और इसमें सना खान का इस्तेमाल एक मोहरे की तरह करने की बात कबूल कर ली है, लेकिन अब तक ना तो पुलिस सना के मोबाइल फोन को बरामद कर पाई है और ना ही उसे अमित साहू ने ही अपने फोन सौंपे हैं। ऐसे में पुलिस को अब भी हनीट्रैप रैकेट और उसके चलते हुए मर्डर की इस वारदात से जुडे कई सबूतों का इंतजार है। पुलिस की मानें तो साहू सना खान के मोबाइल फोन उसकी लाश के साथ नदी में फेंकने की बात कह रहा है, जबकि अपने मोबाइल फोन को लेकर भी झूठ बोल रहा है। लेकिन उसे यकीन है कि वो जल्द ही ये फोन बरामद कर लेगी और इसी के साथ उसे हनीट्रैप रैकेट से जुड़े कई सबूत भी मिल जाएंगे।

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पुलिस को इस सिलसिले में कुछ वीडियोज, फोटोज और चैट हाथ लगने की उम्मीद है, जिससे ये पता चल सकेगा कि इस रैकेट ने हाल के दिनों में किन-किन लोगों को अपने जाल में फंसाया था और रैकेट में अमित साहू, सना खान और उनके बाकी साथियों की क्या भूमिका थी। पुलिस ने फिलहाल इस सिलसिले में साहू के साथ-साथ उसके दो साथियों रमेश सिंह और धर्मेंद्र यादव को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने सना की हत्या करने के बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने में अमित साहू की मदद की थी। इसके अलावा दोनों के हनीट्रैप रैकेट में शामिल बाकी लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाने की शुरुआत कर चुकी है।



पुलिस को शक है कि इस रैकेट के लोग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक में लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। और इस रैकेट ने जिस तेजी से इतने बड़े इलाके में अपना जाल फैला लिया था, उसे देखकर लगता है कि अब तक हनीट्रैप के जरिए की गई वसूली की रकम करोड़ों रुपये तक पहुंच गई होगी। इस रैकेट की शुरुआत तब हुई, जब सोशल मीडिया पर सना खान और अमित साहू के बीच मुलाकात हुई और फिर ये मुलाकात दोस्ती और फिर शादी में बदली। सना और अमित ने इसी साल 24 अप्रैल को शादी की थी। पुलिस की मानें तो दोनों ये काम उससे पहले यानी मार्च के महीने से ही शुरू कर चुके थे, लेकिन शादी के बाद दोनों नए-नए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को टारगेट करने लगे।



हालांकि, अजीब बात ये है कि इतना सबकुछ होने के बाद अमित को सना के चरित्र पर शक था और इस बात को लेकर उसकी कई बार सना से लड़ाई भी हुई थी। जांच में ये भी सामने आया है कि सना ने साहू को कारोबार के लिए लाखों रुपये भी दे रखे थे, लेकिन साहू ना तो वो रुपये वापस लौटा रहा था और ना ही अपने कारोबार के बारे में उसे कोई जानकारी ही दी दे रहा था। ऐसे में वो पैसों को लेकर भी आपस में लड़ रहे थे। पुलिस को पता चला है कि अमित ने जबलपुर शहर के पॉश इलाके राजुल टाउनशिप में खास तौर पर इन्हीं साजिशों के लिए एक मकान किराये पर ले रखा था और यहीं से अपना काला कारोबार चलाया करता था।



पहली अगस्त को जबलपुर के इसी मकान में सना खान के साथ हुई तीखी नोंक-झोंक के बाद अमित साहू ने सना के सिर पर भारी चीज से वार कर उसकी जान ले ली थी। पुलिस ने फिलहाल अमित और उसके साथियों के खिलाफ कत्ल का मुकदमा तो दर्ज किया ही है, सना की मां मेहरुन्निसा की शिकायत के बाद साहू और उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 386 और 389 के तहत जबरन वसूली, 354 (डी) यानी महिला का पीछा करना, 120 (बी) आपराधिक साजिश रचना और 34 यानी किसी जुर्म के लिए एक राय होना कर जुर्म करने के इल्जाम में भी रिपोर्ट लिखी है।



पुलिस की छानबीन में साफ हुआ है कि हनीट्रैप में फंसाने के लिए शिकार की तलाश और उनका चुनाव अमित किया करता था और फिर उसके इशारे पर पहले सना उन लोगों के साथ दोस्ती करती, उन्हें मीठी-मीठी बातों में फंसाती और उनका वीडियो शूट करने के लिए उन्हें अपने खुफिया ठिकाने तक ले कर आती। इसके बाद दोनों मिल कर चुपके से उनके वीडियो और तस्वीरें निकाल लेते। पुलिस को पता चला है कि सना अपने साथ तीन मोबाइल फोन तो रखती ही थी, उसके पास कम से कम 10 सिम कार्ड भी थे, जिनका इस्तेमाल वो इन्हीं कामों के लिए किया करती थी।



जाहिर है अब सना खान के कत्ल और हनीट्रैप की इस कहानी के सामने आने के बाद एमपी, यूपी और महाराष्ट्र में कई प्रभावशाली लोगों और सफेदपोशों के बीच भी हड़कंप मच गया है। हालांकि, सना की मां ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया है कि अमित इस रैकेट में उनकी बेटी का इस्तेमाल कर रहा था। अमित और सना खान में पुरानी दोस्ती थी। दोनों शादी भी कर चुके थे, लेकिन दोनों के बीच अक्सर विवाद भी होता रहता था। सना 1 अगस्त को नागपुर से जबलपुर के लिए रवाना हुई थी।



इसके बाद 1 और 2 अगस्त की रात को दोनों के बीच फिर से विवाद हुआ, जिसके बाद कथित तौर पर अमित ने सना की जान ले ली थी। जबलपुर पहुंचने के बाद जब सना के तीनों मोबाइल फोन रहस्यमयी तरीके से स्विच ऑफ हो गए, तो घरवालों ने पहले नागपुर में सना की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई और फिर मामले की तफ्तीश के लिए जबलपुर पुलिस के पास पहुंचे। पहले तो जबलपुर पुलिस ने इसे हल्के में लिया, लेकिन बाद में ये साफ हो गया कि सना खान का कत्ल हो चुका है और कातिल जबलपुर में ही है।



बता दें कि महाराष्ट्र निवासी सना खान बीजेपी की नेत्री थी। वह बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की महामंत्री थी। हत्या के बाद उसकी लाश अभी तक नहीं मिली है। हत्यारोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है।

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Source News : AajTak


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