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लक्ष्मी और चुनौतियां

लक्ष्मी और चुनौतियां, हां भले ही चंद दिनों भौतिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा लें लेकिन बुरे का अंत बुरा ही होता हैं तब ईश्वर भी हमारी मदद नहीं करता हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

आज का इंसान दिन – रात धन दौलत के पीछे दौड रहा हैं। यहां तक कि वह इसके लिए अनैतिक कृत्य तक कर रहा हैं। उसके पास हराम की कमाई से कमाया अथाह धन, बंगलें, फार्म हाऊस, गाडियां, एफ डी, हीरे जवाहरात के भंडार भरे पडे हैं लेकिन हर वक्त वह हाय धन, हाय धन कर रहा हैं। वह दूसरों को परेशानियों में डालकर भी स्वंय सुखी नहीं हैं। यह कैसी विडम्बना हैं।

हमेंशा याद रखिए जब भी लक्ष्मी आती हैं तब अपने साथ चुनौतियों को लेकर आती हैं। भ्रष्टाचार से कमाया धन कभी सुखी नहीं रहने देता हैं। ऐसा धन हमारा सुखचैन, नींद, आराम सब कुछ छिन लेता हैं और हर वक्त पकडे जाने का भय सताता रहता हैं और हमें अपराधी प्रवृति का बना देता है जो परिवार, समाज व राष्ट् के लिए एक तरह का सिरदर्द हैं।

अतः मेहनत से कमाये धन से ही संतुष्ट हो जाना चाहिए। मेहनत की कमाई से भले ही दो वक्त रुखी सूखी रोटी मिले, लेकिन उसमें भी संतुष्टी होती हैं। आराम की नींद आती है चूंकि जब पास में धन ही नहीं है तो चोरी का कैसा डर। इसलिए जितना मिले उसमें ही संतुष्टी के साथ जीना सीखें।

अगर हराम का धन कमाने में ही जीवन लगा दिया तो जीवन में हर कदम पर भय के बादल मंडरायेंगे। हां भले ही चंद दिनों भौतिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा लें लेकिन बुरे का अंत बुरा ही होता हैं तब ईश्वर भी हमारी मदद नहीं करता हैं। मेहनत की कमाई ही हमारी असली पूंजी हैं।

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लक्ष्मी और चुनौतियां, हां भले ही चंद दिनों भौतिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा लें लेकिन बुरे का अंत बुरा ही होता हैं तब ईश्वर भी हमारी मदद नहीं करता हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

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