शक्ति के प्रतीक नवरात्र
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ओम प्रकाश उनियाल
साल में आने वाले दो नवरात्रों का खासा महत्व माना जाता है। चैत्र मास एवं शारदीय नवरात्र। दोनों में मां दुर्गा की पूजा का विधान है। वैसे तो हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं को पूजा जाता है लेकिन विशेष रूप से नौ दिन तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-उपासना नियमबद्ध तरीके से करने का विधान एक समान ही है।
चैत्र मास के नवरात्र के नवें दिन रामनवमी और शारदीय नवरात्र के दसवें दिन विजयादशमी का त्यौहार भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र की नवमी को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। जिसके उपलक्ष में हर्षोल्लासपूर्वक रामनवमी मनायी जाती है। शारदीय नवरात्र में भी देवी को पूजा जाता है। दुर्गा उत्सव देशभर में मनाया जाता है।
इस नवरात्र के दसवें दिन विजयादशमी मनायी जाती है। दस दिन तक मर्यादा पुरुषोतम प्रभु राम की लीलाओं का मंचन जगह-जगह किया जाता है। दसवें दिन रावण-वध किया जाता है। अर्थात् सत्य की असत्य पर जीत एवं धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक। मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक है।
शक्ति (देवी) के नौ रूप हैं। विधि-विधान से देवी के नौ रूपों की आराधना कर मनुष्य की आत्मीय शक्ति जाग्रत होती है। दोनों नवरात्रों की अष्टमी को कन्याओं की पूजा कर जिमाया जाता है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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