राजनीति

मतदान हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य

हर इंसान को अपने जीवन में दो दान अवश्य करना चाहिए। एक रक्तदान और दूसरा मतदान क्योंकि पहला जीवन बचाता है और दूसरा जीवन संवारता है। #सुनील कुमार, बहराइच, उत्तर प्रदेश

हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है।लोकतंत्र का आशय सामान्यत: उस शासन प्रणाली से है जिसमें जनता अपना शासन स्वयं चलाती है न कि कोई व्यक्ति विशेष।लोकतंत्र में जनता और सरकार के बीच कोई स्पष्ट विभाजक रेखा नहीं होती है अर्थात समस्त व्यवस्था में जनता और सरकार का साझा होता है।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान अपने नागरिकों को मतदान द्वारा जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार देता है। लोकतंत्र में वोट की ताकत ही जनता का सबसे बड़ा हथियार होता है। हमारा एक सही वोट एक सही सरकार और एक गलत वोट एक गलत सरकार के गठन में भागीदार होता है वस्तुतःजागरूक जनता ही लोकतंत्र सफल बनाती है और वही उसका लाभ उठाती है।

हमारे एक वोट से हमारा देश संवरता है, लोकतंत्र मजबूत होता है और राष्ट्र विकास के पथ पर अग्रसर होता है। जागरूक जनता अपने मताधिकार का सही ढंग से उपयोग कर अपने देश व प्रदेश की दशा व दिशा दोनों ही बदल सकती है।अतः हर किसी को अपने मताधिकार का प्रयोग बहुत सोच-समझ कर करना चाहिए।क्योंकि मतदान हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय समर्पण भी है।

हर इंसान को अपने जीवन में दो दान अवश्य करना चाहिए। एक रक्तदान और दूसरा मतदान क्योंकि पहला जीवन बचाता है और दूसरा जीवन संवारता है।


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