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Dehradun : साइबर ठगों के रडार पर IAS-IPS अधिकारी

साइबर ठगों ने पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। मामला डीजीपी से जुड़ा होने के चलते पुलिस तत्काल हरकत में आई और दबिश देकर राजस्थान से कुछ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था। 

देहरादून। आमजन के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी साइबर ठगों के रडार पर हैं। ठग ऐसे अधिकारियों को चिहि्नत कर रहे हैं, जिनके इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर ज्यादा प्रशंसक हैं। अधिकारियों की फोटो व जानकारी जुटाकर साइबर ठग उनकी फर्जी फेसबुक, इंस्टाग्राम प्रोफाइल बना रहे हैं। इसके बाद उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर विभिन्न बहाने बनाकर ठगी करते हैं।

कुछ दिन पहले साइबर ठगों ने गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाई और उनके फेसबुक फ्रेंड को रिक्वेस्ट भेजी थी। हालांकि, उन्होंने तत्काल इस संबंध में साइबर थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने फर्जी प्रोफाइल को बंद कर दिया।

इसके अलावा साइबर ठगों ने पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी आशीष चौहान की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। इसकी सूचना उनके दोस्तों ने दी। इसके बाद जिलाधिकारी ने पुलिस से फर्जी प्रोफाइल बंद करवाई। इसी तरह ठगों ने एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह की फर्जी फ्रेसबुक प्रोफाइल बनाकर ठगी का प्रयास किया।

इससे पूर्व साइबर ठगों ने पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। मामला डीजीपी से जुड़ा होने के चलते पुलिस तत्काल हरकत में आई और दबिश देकर राजस्थान से कुछ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था। साइबर ठगों ने कई अन्य अधिकारियों की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाई है, लेकिन जानकारी न होने के चलते अधिकारी इसकी शिकायत नहीं कर पा रहे हैं।

इन बातों का भी रखें ध्यान

  • फेसबुक, इंस्टाग्राम या इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से कोई मित्र अगर अपासे रुपये मांगता है तो एक बार उसे फोन करके पुष्टि जरूर करें
  • यदि दोस्त का फोन नहीं लग रहा है तो उसके स्वजन से बात करें।
  • हैकर्स उन प्रोफाइल को जल्द हैक कर लेते हैं, जिनका पासवर्ड मोबाइल नंबर या नाम हो।
  • मजबूत पासवर्ड बनाएं, जिसमें अंक, संख्या आदि हो और समय-समय पर इसे बदलते रहें।



साइबर ठग फेसबुक, इंस्टाग्राम या इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर अधिकारियों के फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और उनके दोस्तों को मैसेज करते हैं। किसी न किसी बहाने से वह रुपये मांगते हैं। कई लोग ठगी का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में जिसके नाम से आप रुपये दे रहे हैं, उसे एक बार फोन जरूर करें, ताकि पुष्टि हो सके। शिकायत मिलती है तो हम तत्काल फर्जी फेसबुक पेज या प्रोफाइल बंद कर देते हैं।

– आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ


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