राष्ट्रीय समाचार

दर्दनाक : किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी ने खोया पिता

राजवीर, राजीव और संजीव का विवाह हो चुका है। जबकि, अन्नू और जयचंद्र की शादी अभी नहीं हुई। उनके लिए लालाराम रिश्ता देख रहे थे। पुत्तू को अभी काफी जिम्मेदारियों को निभाना था। पांच बेटों और तीन बेटियों में सिर्फ एक बेटे रामू का विवाह किया था। दूसरे नंबर की बेटी तारावती 18 वर्ष की होने के चलते उसकी शादी के लिए रिश्ता देख रहे थे।

शाहजहांपुर। पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर पुण्य कमाने के लिए निकले 12 लोगों की हादसे में जान चले जाने से आठ परिवारों पर वज्रपात हो गया। हादसे की खबर दोनों गांवों में पहुंची तो परिजन बिलख पड़े। जिसे जो साधन मिला, उससे पोस्टमार्टम हाउस की ओर दौड़ पड़ा। वहां खून से लथपथ शव देखकर दहाड़ें मारकर रो पड़े। ऑटो मालिक अनंतराम और उनकी मां राजरानी उर्फ बसंता की मौत से पूरे परिवार की खुशियां उजड़ गईं। वहीं, अनंतराम की पत्नी सीमा देवी की मांग का सिंदूर उजड़ गया। बेटे के सिर से पिता का साया छिन गया। परिवार की मुखिया बसंता देवी की छाया भी खत्म हो गई।

सुबह मां-बेटे पांचाल घाट पर स्नान करने के लिए गांव के अन्य लोगों के साथ निकले थे। उनके जाने के दो घंटे बाद ही मौत की खबर ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया। उनकी पत्नी सीमा देवी पति और सास की मौत की खबर सुनकर बेहोश हो गईं। लोगों ने उन्हें सांत्वना दी। अनंतराम से उनकी चार साल पहले ही शादी हुई थी। डेढ़ साल के बेटे रणवीर को गोद में उठाए सीमा देवी पति के शव को देखकर बिलख पड़ीं। बोली-अब हम किसके सहारे जिंदगी व्यतीत करेंगे। रोते हुए कभी अनंतराम के मृत शरीर को देखतीं तो कभी बेटे रणवीर का गले लगा लेतीं। मां के आंसू देखकर रणवीर भी बिलख पड़ा। चर्चा है कि ऑटो अनंतराम की जगह सुरेश चला रहा था।

रेलवे ट्रैक पर पड़े स्लीपर से टकराई वंदे भारत एक्सप्रेस

पोस्टमार्टम हाउस पर आए बसंता के अन्य बेटे दृगपाल, रूपराम और बेटी सदावती और ऊषा बिलखने लगीं। दुर्घटनास्थल से जिस पिकअप में शव लाया गया था, उसमें मां का चेहरा देख सभी पिकअप वाहन पर सिर रखकर रोने लगे। बसंता के पति नेत्रपाल की चार साल पहले मौत हो चुकी है। पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए अनंतराम ऑटो लेकर जाते थे। उसमें राजरानी उर्फ बसंता के जाने की वजह से 12 साल की दूसरी पौत्री खुशबू भी जाने की जिद कर रही थी। बसंता की बहू राधारानी ने कोहरा अधिक होने की वजह से उसे डांटते हुए मना कर दिया था। अनंतराम ने उसे अगली बार लेकर चलने का वादा किया था।

गंगा स्नान करने के लिए निकले सियाराम (40) और उनके सगे भाई सुरेश की भी हादसे में जान चली गई। सुरेश पहली बार जा रहे थे। पुत्तूलाल के कई बार कहने पर वह साथ चल दिए थे। सगे भाइयों की मौत से बहन दहाड़े मारकर रोने लगीं। महिला सिपाहियों ने उन्हें किसी तरह संभाला। सियाराम हर साल पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए जाते थे। जबकि, खेती करने वाले सुरेश पहले कभी पांचाल घाट नहीं गए थे। सुरेश की गांव के पुत्तूलाल से गहरी दोस्ती थी। पुत्तूलाल ने उन्हें चलने के लिए कहा था, जिसके बाद सियाराम और सुरेश ऑटो में सवार हो गए। बताते हैं कि सुरेश ही ऑटो चला रहे थे।

कड़ाके की सर्दी के बीच बेडरूम वाला वीडियो मचा रहा कोहराम

सगे भाइयों की मौत की सूचना मदनापुर के सुजावलपुर में रहने वाली बहन रामादेवी को मिली तो वह दहाड़े मारकर रोने लगीं। पोस्टमार्टम हाउस पर वह सुध-बुध खो बैठीं। जमीन में हाथ पटक-पटककर बोली-भगवान यह क्या किया। सुरेश के परिवार में पत्नी रेशमा के अलावा बेटे सोनू, मोनू और बेटी शिवानी हैं। इसी तरह सियाराम की पत्नी मंगल देवी भी काफी गमजदा हैं। उनके बेटे गोविंद, शिवपाल, हरिओम, अवधेश हैं। दोनों भाई खेतीबाड़ी करते थे। उनके परिवार में एक मात्र भाई हरिश्चंद्र बचे हैं। ऑटो में सवार मदनापुर के दमगड़ा के सगे भाई पुत्तू (40) और लालाराम (50) की भी जान चली गई। बड़े भाई लालाराम के परिवार में पत्नी रामश्री के अतिरिक्त पांच बेटे हैं।

ऊधम सिंह नगर : चार साल के लड़के के साथ चार लड़कों ने किया दुष्कर्म

राजवीर, राजीव और संजीव का विवाह हो चुका है। जबकि, अन्नू और जयचंद्र की शादी अभी नहीं हुई। उनके लिए लालाराम रिश्ता देख रहे थे। पुत्तू को अभी काफी जिम्मेदारियों को निभाना था। पांच बेटों और तीन बेटियों में सिर्फ एक बेटे रामू का विवाह किया था। दूसरे नंबर की बेटी तारावती 18 वर्ष की होने के चलते उसकी शादी के लिए रिश्ता देख रहे थे। बृहस्पतिवार को उनकी मौत की खबर सुनकर पत्नी देवकी की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। मृतकों के चचेरे भाई तोताराम ने बताया कि लालाराम, पुत्तू व मनफूल तीन भाई थे। अब एक मात्र भाई रह गए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले पोथीराम (40) अविवाहित थे। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। वे भाइयों के पास ही रहते थे। ग्रामीणों के अनुसार, वह गंगा स्नान करने के लिए अक्सर जाते रहते थे।

मदनापुर के दमगड़ा के मनीराम (40) को बुधवार रात सर्दी के साथ तेज बुखार ने जकड़ लिया था। इस पर पत्नी राधिका ने उन्हें जाने से रोका था तब भी वह नहीं माने और सुबह ऑटो में सवार हो गए। उनकी मौत की खबर पुलिस से मिलने के बाद पत्नी राधिका परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची। पिकअप में रखे शव को देखकर रो पड़ीं। वह बोलीं कि उसके रोकने के बाद भी नहीं मानें। चाचा पूर्व प्रधान दरबारी लाल ने बताया कि मनीराम खेती कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। वह अपने पीछे बेटे प्रमोद, अवधेश, विपिन और बेटी माधुरी व मोनी को छोड़ गए हैं।

धरती की सबसे अमीर महिला, जिसके सामने मस्क-अंबानी–अडानी सब फेल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights