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वॉट्सएप ग्रुप से जोड़कर हो रहा है यह खेल, साइबर पुलिस ने दबोचा

वॉट्सएप ग्रुप से जोड़कर हो रहा है यह खेल, साइबर पुलिस ने दबोचा… अकरम का सिलाई का काम था। यहां पर आकर शान उससे मिलता था। इसके बाद इनकी पहचान सुशील से हुई। अकरम ने सुशील से यह कहकर उसका बैंक खाता ले लिया कि कुछ गैमिंग प्लेटफार्म का पैसा आएगा। इसके बदले एक फीसदी रकम दिया जाएगा।

नोएडा। शेयर ट्रेडिंग के नाम पर नोएडा के एक कारोबारी से 9 करोड़ की ठगी करने वाले दो जालसाजों को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन जालसाजों ने कारोबारी को व्हाट्सएप एप ग्रुप पर जोड़कर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। इन जालसाजों के पास से 21 चेक बुक, 7 पासबुक, 1 क्यू आर कोड, 3 मोबाइल फोन, 1 टैबलेट, 1 लैपटॉप, जीएसटी फॉर्म बरामद किया गया है।

पुलिस ने इन जालसाजों के अलग अलग खातों में एक करोड़ 64 लाख रुपये फ्रीज कराए हैं। वहीं 6 लाख 99 हजार रूपये की क्रिप्टो करेंसी भी फ्रजी कराई गई है। सेक्टर-40 में रहने वाले एक करोबारी रजत बोथरा ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत की थी कि साइबर जालसाजों ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़ दिया और 9 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इस मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जांच शुरू की और बृहस्पतिवार को बरेली निवासी अकरम उर्फ सैम उर्फ लौकी व सुशील कुमार को सूरजपुर के पास से दबोच लिया।

पुलिस पूछताछ में पता चला कि इन जालसाजों का एक गिरोह है जो साइबर ठगी को अंजाम देते हैं। इस गिरोह में कई और लोग भी शामिल हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी अकरम की मुलाकात एक अन्य आरोपी शान से ऑनलाइन जॉब सर्च करने के दौरान हुई। अकरम का सिलाई का काम था। यहां पर आकर शान उससे मिलता था। इसके बाद इनकी पहचान सुशील से हुई। अकरम ने सुशील से यह कहकर उसका बैंक खाता ले लिया कि कुछ गैमिंग प्लेटफार्म का पैसा आएगा। इसके बदले एक फीसदी रकम दिया जाएगा।

इसके बाद अकरम ने सुशील के बैंक खाते की यूजरआईडी पासवर्ड/लॉगिन आईडी पासवर्ड लेकर शान को दे दिया। इस एक बैंक खाते के बदले दो लाख रुपये शान ने दिए थे। इसके बाद लगातार इस खाते में फ्रॉड के रकम आने लगे। इसके बाद फरार आरोपी शान ने कई लाख के क्रिप्टो करेंसी भी दिए। दोनों गिरफ्तार आरोपी 9 करोड़ के फ्रॉड के मामले में शामिल हैं। हालांकि मुख्य आरोपी शान और अन्य फरार चल रहे हैं।

पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि यह गिरोह बहुत बड़ा है। ये दोनों आरोपी खाताधारक और खाते के उपयोगकर्ता हैं। मुख्य आरोपी फरार हैं। ये जालसाज क्रिप्टो करेंसी के रूप में भी कमीशन लेते थे। ये जालसाज सी-98, कुक्वाइन एप, ट्रस्ट वॉलेट, कॉयन डीसीएक्स बिटकॉइन रूप में भेजते थे। साइबर क्राइम थाने की टीम मामले की जांच कर रही है।

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वॉट्सएप ग्रुप से जोड़कर हो रहा है यह खेल, साइबर पुलिस ने दबोचा... अकरम का सिलाई का काम था। यहां पर आकर शान उससे मिलता था। इसके बाद इनकी पहचान सुशील से हुई। अकरम ने सुशील से यह कहकर उसका बैंक खाता ले लिया कि कुछ गैमिंग प्लेटफार्म का पैसा आएगा। इसके बदले एक फीसदी रकम दिया जाएगा।

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