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प्रखंड आपूर्ति विभाग और डीलर मिथिलेश प्रसाद की एक पुरानी कहानी

प्रखंड आपूर्ति विभाग और डीलर मिथिलेश प्रसाद की एक पुरानी कहानी… अब जब से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के द्वारा जांच पड़ताल किया गया तो दो माह से हम लोग के अनाज 30 किलो मिल रहा है। इसी क्रम में दर्जनों ग्रामीण महिला पुरुष से वस्तु स्थिति पुछा गया महिला ने बोली की मिथलेश प्रसाद तानाशाह डीलर है हमारे राशन कार्ड भुला दिया है दूसरा महिला बोली कि कुछ नहीं सुनता है मनमानी करता है। #संवाददाता अशोक शर्मा

गया, बिहार।गया जिला के मोहनपुर प्रखंड कि यह मामला है। मुसैला पंचायत के मुसैला ग्राम में पत्रकारो के एक टिम पहुंची ग्रामीणों ने पत्रकारों को पूछे जाने पर बताया की डीलर मिथिलेश प्रसाद जनवितरण प्रणाली की दुकान चलाते है अनुज्ञप्ति संख्या 4 /2016 है ग्रामीण महिला पुरुष ने बताया कि हम लोगों की मिथिलेश प्रसाद एक व्यक्ति पर 5 किलो अनाज के जगह पर 4 किलो देता है।

ग्रामीणों के द्वारा किया गया शिकायत पर आवाज़ उठाएं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सह अपराध नियंत्रण मंच के अधिकारियों के द्वारा जांच किया गया तो 2 माह से कुछ-कुछ लोगों की पूरा अनाज मिलता है और कुछ राशनकार्ड धारी को पहले के ही जैसा राशन दिया जाता है। ग्रामीणों को कहना कि मिथिलेश प्रसाद एक दबंग प्रवृत्ति के डिलर हैं जो राशनकार्ड धारी को द्वारा पूरे हक मांगने पर हमेशा खिसिया कर और कार्ड फेंक देते हैं।

डिलर और प्रखंड आपूर्ति विभाग के पदाधिकारी के मिली भगत से ग्रामीण मजदूर की राशन में हो रही है कटौती मिथिलेश प्रसाद के कार्रवाई को जांच के लिए शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी एस डीएम आलोक में एक टीम बनाकर स्थल पर ग्रामीणों को जांच पड़ताल में भेजा गया था जिसमें तीन अधिकारी शामिल थे।

इस कर्म में मामला के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सह अपराध नियंत्रण मंच की मीडिया सेल की अधिकारी पत्रकारो के टीम मुसैला गांव पहुंची और गरीब मजदूर राशन कार्ड धारी से वस्तु स्थिति जानने की कोशिश किया तो राशन ला रहे महिला पुरुष ने 4 किलो अनाज वाला बात सच्चाई सामने ला दी मीडिया को पूछे जाने पर ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि हम लोगों की पहले 6 आदमी के नाम पर 24 किलो अनाज मिलता था।

अब जब से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के द्वारा जांच पड़ताल किया गया तो दो माह से हम लोग के अनाज 30 किलो मिल रहा है। इसी क्रम में दर्जनों ग्रामीण महिला पुरुष से वस्तु स्थिति पुछा गया महिला ने बोली की मिथलेश प्रसाद तानाशाह डीलर है हमारे राशन कार्ड भुला दिया है दूसरा महिला बोली कि कुछ नहीं सुनता है मनमानी करता है।जब उसे पूरा राशन मांगते हैं तो कहता कि जाओ जहां जहां जाना है कहीं से मिलेगा हम पूरा राशन नहीं देंगे हमें भी ऊपर देना पड़ता है। तो कहीं ना कहीं यह मामला उच्च अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से गरीबों का मार झेलना पड़ रहा है और गरीबों का पूर्ण राशन नहीं मिल रही है।


प्रखंड आपूर्ति विभाग और डीलर मिथिलेश प्रसाद की एक पुरानी कहानी... अब जब से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के द्वारा जांच पड़ताल किया गया तो दो माह से हम लोग के अनाज 30 किलो मिल रहा है। इसी क्रम में दर्जनों ग्रामीण महिला पुरुष से वस्तु स्थिति पुछा गया महिला ने बोली की मिथलेश प्रसाद तानाशाह डीलर है हमारे राशन कार्ड भुला दिया है दूसरा महिला बोली कि कुछ नहीं सुनता है मनमानी करता है। #संवाददाता अशोक शर्मा

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