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भारतीय रेल परिवहन दिवस : गौरव का उत्सव, प्रगति का संकल्प

आइए, हम सब मिलकर रेलवे को और भी बेहतर बनाने का संकल्प लें। यह न केवल यात्रियों के लिए एक बेहतर परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करेगा, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। #अंकित तिवारी)

भारतीय रेल परिवहन दिवस, न केवल हमारे देश के परिवहन इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का प्रतीक है, बल्कि यह उन अथक रेल कर्मियों और श्रमिकों के समर्पण और योगदान का भी उत्सव है, जिन्होंने रेलवे को राष्ट्र निर्माण की धुरी बना दिया है।

1853 में 34 किलोमीटर की यात्रा के साथ आरंभ हुई यह यात्रा आज 68,000 किलोमीटर से अधिक के विशाल जाल में परिवर्तित हो चुकी है। रेलवे ने भारत को एकसूत्र में पिरोने, उसकी अर्थव्यवस्था को गति देने और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यात्री सुविधाओं में निरंतर सुधार, नई रेल लाइनों का निर्माण, ट्रेनों की गति में वृद्धि, आधुनिकीकरण और विद्युतीकरण, रेलवे की प्रगति के कुछ प्रमुख स्तंभ हैं। वंदे भारत, तेजस, गतिमान एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनें रेल यात्रा को सुगम और आरामदायक बना रही हैं।

परंतु अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। सुरक्षा में सुधार, पुराने बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण, भ्रष्टाचार का उन्मूलन और कुशल प्रबंधन रेलवे के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस दिवस पर, हमें उन रेल कर्मियों और श्रमिकों का आभार व्यक्त करना चाहिए, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। उनकी मेहनत और लगन ही रेलवे को गति प्रदान करती है।

आइए, हम सब मिलकर रेलवे को और भी बेहतर बनाने का संकल्प लें। यह न केवल यात्रियों के लिए एक बेहतर परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करेगा, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।


इस लेख के लेखक अंकित तिवारी, शोधार्थी, अधिवक्ता एवं पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि है


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