स्मृति शेष : अनिता माथुर सादा जीवन उच्च विचारों की धनी थी
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कितना निर्मल हृदय था आपका। सबको समेटे विशाल आंचल था आपका।। प्रेम निष्ठा धैर्य की मूर्त थी। आप स्नेह विनम्रता कि पथ प्रदर्शक थी। ऐसे कर्म निष्ठ, सेवाभावी एवं आध्यात्मिकता के प्रतीक को शत् शत् नमन्।
जोधपुर। धर्म परायण महिला श्रीमती अनिता माथुर ( धर्मपत्नी स्व ० रविन्द्र राय ) का 17 मार्च ( रविवार ) को निधन हो गया। स्व ० अनिता माथुर 63 वर्ष की थी और कुछ समय से बीमार चल रही थी और उनका उपचार चल रहा था। उनके स्वास्थ्य में बीच बीच में सुधार भी हो रहा था व फिर धीरे धीरे स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी और 17 मार्च को वे इस नश्वर संसार को छोड़कर परलोक सिधार गई।
वे बडी ही सेवाभावी, कुशल, मिलनसार, हंसमुख व्यक्तित्व की धनी थी । उनका जीवन एक खुली किताब की तरह था। जो कोई उनके समर्पक में एक बार आ जाता था वो सदा सदा के लिए उनके परिवार का एक सदस्य बन जाता था। उनके चेहरे पर सदैव मधुर मुस्कान बिखरी रहती थी। वे सादा जीवन और उच्च विचारों की धनी थी। उनके पास ज्ञान का अथाह भंडार था। यही वजह है कि वे हर विषय पर चर्चा कर लेती थी। हर समस्या का समाधान निकालने के लिए सदैव तत्पर रहती थी। कभी भी अपने जीवन काल में उन्होंने किसी से भी ऊंची व तेज आवाज में बात नहीं की।
वे सदा कहा करती थी कि उम्मीद पर ही यह दुनियां टिकी हुई है और हर रात के बाद सवेरा आता हैं। वे कहा करती थी कि जब आप समाज सेवा करना सीख जायेंगे तो आपका जीवन स्वतः ही बदल जायेगा । उन्होंने हर किसी का संकट के समय में एकजुटता, आत्मविश्वास और मनोबल बढाया। उनमें अद् भूत संगठन शक्ति थी। उनकी जैसी स्पष्टवादिता , सादगी व अपनत्व अब कहा देखने को मिलता हैं। उनके जीवन से हमें हमेशा प्रेरणा मिलती रहेगी।
सरल, सौम्य , बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी, सेवाभावी, कोमल हृदयधारी, सादगी पूर्ण जीवन, दयाभाव, मधुरवाणी, आदर्श व्यक्तित्व सदैव आपकी उपस्थिति का अहसास दिलाती रहती हैं। आप सम्पूर्ण परिवार के लिए अथाह शक्ति की स्त्रोत थी। आपने जीवन में हमें सत्य , श्रम एंव निःस्वार्थ कर्म का मार्ग दिखाया। वे करूणा, मानवता एवं संवेदनशीलता की प्रेरक, अनुशासन प्रेमी, दीन दुखियों के प्रति सेवाभाव उनमें कूट-कूट कर भरा था। वे सभी को मान सम्मान देती थी। छोटे व बडे सभी के प्रति आदर भाव रखती थी।
आपकी सादगी, शालीनता, सहृदयता एवं सहिष्णुता वास्तव में हमें सदैव प्रेरित करती रहेगी। चूंकि हम भाग्यशाली है कि हमको आपका सानिध्य प्राप्त हुआ। वे नम्र स्वभाव, स्वाभिमानी, न्यायप्रिय, कर्मठ, निष्ठावान, शीतल स्वभाव, परोपकारी, नेक निर्भीक व कर्मयोगी थी। प्रभावशाली व्यक्तित्व, सौम्य, सरल, मृदु स्वभाव, निस्वार्थ भाव, सद् स्नेही स्वभाव परिवार के लिए सदैव प्रेरणा का स्त्रोत रहेगा।
कितना निर्मल हृदय था आपका। सबको समेटे विशाल आंचल था आपका।। प्रेम निष्ठा धैर्य की मूर्त थी। आप स्नेह विनम्रता कि पथ प्रदर्शक थी। ऐसे कर्म निष्ठ, सेवाभावी एवं आध्यात्मिकता के प्रतीक को शत् शत् नमन्। स्व ० अनिता माथुर दान पुण्य व परोपकार के कार्य में सदैव अग्रणीय रहती थी। उनके निधन पर विभिन्न समाज के लोगों ने शोक व्यक्त किया और अनिता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
शत् शत् नमन
Shat shat naman 🙏
Shat shat naman bhua 🙏
Shat Shat Naman 🙏🙏🙏🙏
शत शत नमन
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Sat sat naman 🙏🙏