राष्ट्रीय समाचार

पंकज जी महाराज के सत्संग कार्यक्रम में जुटी हजारों की भीड़

महाराज जी ने समाज में बढ़ती हिंसा व अपराध की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा जहाँ बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कालेज, स्कूल खुले हों वहां का समाज हिंसा व अपराध में लिप्त हो रहा है। युवा पीढ़ी शराब की लत में गिरफ्त हो रही है। #अर्जुन केशरी, बाराचट्टी, गया

शेरघाटी/सुलेबट्टा (गया)। जयगुरुदेव आश्रम मथुरा से गत् 26 दिसम्बर को चलकर 82 दिवसीय जनजागरण यात्रा, जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के रा. अध्यक्ष एवं युग पुरुष विख्यात् संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज की अगुवाई में 5 प्रान्तों में धर्म-कर्म, शाकाहार-सदाचार, आपसी सौहार्द तथा अच्छे समाज के निर्माण का सन्देश देती हुई कल सायंकाल अपने तिहत्तरवें पड़ाव पर शोभ-बाराचट्टी, सुलेबट्टा हाई स्कूल के मैदान पर पहुंचा। भारी संख्या में स्थानीय भाई-बहनों तथा बच्चों ने दीप प्रज्वलित कलशों, पुष्प वर्षा, फूल-मालाओं तथा गाजे-बाजे के साथ यात्रियों का भावभीना स्वागत किया।

आज प्रातः 11 बजे से यहां आयोजित सत्संग समारोह मंे अपना सन्देश सुनाते हुये पूज्य पंकज जी महाराज ने कहा कि महापुरुषों के सत्संग में किसी व्यक्ति विशेष, जाति, सम्प्रदाय की निन्दा-आलोचना नहीं की जाती। बल्कि प्रभु की भक्ति के प्रति पे्रम प्यार पैदा किया जाता है। जब बहुत शुभ कर्म इकट्ठा होते हैं तब सन्त सत्गुरु का सत्संग मिलता है। आत्मा-परमात्मा के गूढ़ रहस्यों को बताते हुये कहा कि सारी आत्मायें शब्द, नाम पर उतार कर लाई गई हैं और एक निश्चित श्वांसों का भण्डार दिया गया। जब श्वांसों का भण्डार खत्म होता है तो यमदूत आते हैं, प्राणों की डोरी तोड़ देते हैं तो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

परमात्मा ने मनुष्य शरीर इसलिये दिया है कि इसमें रहकर किसी प्रभु की प्राप्ति करने वाले महापुरुष की खोज करके उनसे साधना का सरल मार्ग सुरत-शब्द योग (नाम योग) की कमाई करके अपनी आत्मा का कल्याण करा लें। लेकिन जब बड़े हुये तो मां के गर्भ में भगवान के भजन करने का वादा भूल गये और दुनियां के ऐशो इशरत, शराबों-कबाबों में सुख ढ़ूढ़ने लगे। हमारे गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने आवाज लगाई कि ऐ इन्सानों! तुम अपने दीन-ईमान पर वापस आ जाओ। शाकाहारी-सदाचारी बनकर इस मनुष्य मन्दिर में सच्चे भगवान का भजन, जिस्मानी मस्जिद में बैठकर खुदा की सच्ची इबादत करें।

ताकि आपकी आत्मा दोजख-नर्कों में जाने से बच जायें। उन्होंने आगे कहा अन्य युगों की अपेक्षा इस कलयुग में मानव की आयु घट गई, मन चंचल हो गया और अन्न में प्राण चला आया इसलिये सन्तों ने पिछले युग की साधनाओं को रोक दिया। ‘‘ जितने साधन थे पिछले युग के सो कलयुग में किया प्रमाण।’’ सतयुग त्रेता द्वापर बीता, काहू न जानी शब्द की रीता ’’ को उद्धृत करते हुये कहा कि सन्तों ने साधना के तीन रास्ते बताया-पहला सुमिरन, दूसरा ध्यान, तीसरा भजन। सुमिरन के अन्तर्गत सतगुरु के द्वारा दिये गये नाम का मौन जाप, दूसरा ध्यान जिसमें चित्त वृत्तियों को एकाग्र करके आंखों को बन्द करके चित्त को एकाग्र करना।

तीसरा भजन आंख व कान बन्द करके ऊपर से आने वाली देववाणी, अनहदवाणी को सुनना। सबसे पहले सन्त कबीरदास जी ने सुरत शब्द योग साधना का भेद जाहिर किया। इसके बाद नानक जी, रविदास जी, गोस्वामी जी, जगजीवन साहब, दरिया साहब, चरनदास, मीराबाई, सहजोबाई, स्वामी शिवदयाल जी महाराज, गरीबदास जी, स्वामी विष्णु दयाल जी, स्वामी घूरेलाल जी आदि महान सन्तों ने सन्तमत का रास्ता देकर बहुत से जीवों को भवपार लगया। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने तो इस साधना की परत दर परत खोलकर करोड़ो स्त्री-पुरुषों को इस साधना में लगाया और भव से पार कर दिया।



महाराज जी ने समाज में बढ़ती हिंसा व अपराध की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा जहाँ बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, कालेज, स्कूल खुले हों वहां का समाज हिंसा व अपराध में लिप्त हो रहा है। युवा पीढ़ी शराब की लत में गिरफ्त हो रही है। इसका मुख्य कारण अशुद्ध आहार और नशों का सेवन है। उन्होंने समाज के सभी शुभचिन्तकों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, धार्मिक लोगों से शाकाहारी-सदाचारी रहकर समाज के अन्य लोगों को भी शाकाहारी-सदाचारी बनाने व अच्छे समाज के निर्माण में सहयोग देने की पुरजोर अपील की।



उन्होंने आगामी 24 से 26 मार्च तक तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा उ.प्र. में होने वाले होली सत्संग मेला में पधारने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां बुराईयां चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा उ.प्र. में तह. भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहां सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं। उन्होंने संस्था द्वारा संचालित धर्मादा कार्यों को भी बताया। शान्ति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।

इस अवसर पर बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर यादव, उपा.राजकुमार यादव, राजेश कुमार सिंह, जितेन्द्र कुमार, दिलीप कुमार, डा. राजेन्द्र यादव, डा. दिलकेश्वर यादव, डिम्पू यादव, सुरेन्द्र कुमार, कृष्णदेव यादव के साथ संस्था के कई पदाधिकारी एवं प्रबन्ध समिति के सदस्यगण भी उपस्थित रहे। सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले कार्यक्रम हेतु जयगुरुदेव आश्रम, बजौरा जिला गया (बिहार) के लिये प्रस्थान कर गई। जहां आज ही दिन के 2 बजे से सत्संग होना प्रस्तावित है।




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