सीएम केजरीवाल के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के यहां छापेमारी, देखें वीडियो
भाजपा ने कहा था कि ऐसे में सवाल उठता है कि जब पैसा खर्च ही नहीं हुआ, तो पैसा खातों में क्यों नहीं है। लगभग 600 करोड़ रुपये के काम के लिए 12 हजार वर्क आर्डर निकालकर काम सौंपा भी गया। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से वाटर टैंकर का भुगतान किया गया, जिससे प्रोजेक्ट कॉस्ट 35 प्रतिशत बढ़ गई।
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के यहां छापा मारा है। ईडी की टीम ने 10 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। यह छापेमारी दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार मामले में हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के यहां छापेमारी हुई है। शलभ कुमार जो जल बोर्ड के पूर्व मेंबर रहे हैं। उनके यहां भी छापा मारा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही है। दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार डीजेबी के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल की ईडी हिरासत अगले पांच दिनों के लिए बढ़ा दी गई। मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में हुई।
जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को दिल्ली जल बोर्ड को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया। उन्हें पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद पेश किया गया था। ईडी ने दोनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने दोनों की पांच दिनों के लिए रिमांड बढ़ा दी।
बीते साल 18 नवंबर 2023 को केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली जल बोर्ड में 3,237 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया था। उन्होंने जल बोर्ड के बैंक खातों की स्टेटमेंट व वित्तीय रिपोर्ट का जिक्र भी किया था और कहा था कि वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच बोर्ड के वित्तीय खर्च के बारे में कई जानकारियां छिपाई गईं हैं। वर्ष 2017-18 के बाद से बोर्ड के खातों की डिटेल डिक्लरेशन भी सही ढंग से नहीं की गई। बोर्ड में इसी तरह के कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं हैं।
उन्होंने बताया था कि बोर्ड ने अपने 450 से अधिक बैंक खातों में से लगभग 110 को बैलेंस शीट में दिखाया ही नहीं है। इनमें 77 खातों में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि पड़ी हुई है। कई खातों के आगे शून्य दिखाया गया है जबकि उनमें करोड़ों रुपये पड़े हैं। बोर्ड के हिसाब-किताब में लगभग 300 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी ही नहीं है। बोर्ड की 2018 की वित्तीय रिपोर्ट में 1,167 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब ही नहीं है।
बैंक एडजस्टमेंट के नाम पर लगभग लगभग 117 करोड़ रुपये की एंट्री दिखाई गई है, जो कहीं से भी जायज नहीं लग रही है। लगभग 135 करोड़ रुपये की एफडी प्रमाणपत्रों की जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। बोर्ड की वित्तीय स्टेटमेंट में खर्च नहीं होने वाली राशि में लगभग 1,601 करोड़ रुपये दिखाए गए हैं, जबकि बोर्ड के खातों में यह राशि कहीं दिख नहीं रही है।
भाजपा ने कहा था कि ऐसे में सवाल उठता है कि जब पैसा खर्च ही नहीं हुआ, तो पैसा खातों में क्यों नहीं है। लगभग 600 करोड़ रुपये के काम के लिए 12 हजार वर्क आर्डर निकालकर काम सौंपा भी गया। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से वाटर टैंकर का भुगतान किया गया, जिससे प्रोजेक्ट कॉस्ट 35 प्रतिशत बढ़ गई। बोर्ड ने टैंकर से वाटर सप्लाई के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये बढ़ाकर भुगतान किया गया, जबकि इस मद में 637 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना था।
#WATCH | ED raid underway at the residence of AAP MP ND Gupta in Delhi.
As per sources, ED is conducting searches at nearly 10 locations including the residence of Delhi CM Arvind Kejriwal's personal secretary among others connected to the Aam Aadmi Party as part of its money… pic.twitter.com/dRdlSJjE6s
— ANI (@ANI) February 6, 2024