साहित्य लहर

कविता : गांव राजपुर छाजपुर गढ़ी

कविता : गांव राजपुर छाजपुर गढ़ी, अभी भी जिंदगी में बहुत बाकी कसर है पगली तुम्हारे बिना भला मेरी कैसी बसर है तुम ही समझा जाना राठौर को आकर गांव राजपुर गढ़ी जिला मुजफ्फरनगर है #बंजारा महेश राठौर सोनू, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)

इतना आसान कहां जिंदगी का सफर है
कांटों से भरी हुई मेरी हर एक डगर है
हौसला अफजाई कर देना तुम आकर
गांव राजपुर गढ़ी जिला मुजफ्फरनगर है

जिंदगी बहुत ही बेबस और लचर है
देखो चारों तरफ दुर्भाग्य का ही असर है
पढ़ जाना तुम पे लिखी कविताएं आकर
गांव राजपुर गढ़ी जिला मुजफ्फरनगर है

अभी भी जिंदगी में बहुत बाकी कसर है
पगली तुम्हारे बिना भला मेरी कैसी बसर है
तुम ही समझा जाना राठौर को आकर
गांव राजपुर गढ़ी जिला मुजफ्फरनगर है

कविता : नेकनीयती


कविता : गांव राजपुर छाजपुर गढ़ी, अभी भी जिंदगी में बहुत बाकी कसर है पगली तुम्हारे बिना भला मेरी कैसी बसर है तुम ही समझा जाना राठौर को आकर गांव राजपुर गढ़ी जिला मुजफ्फरनगर है #बंजारा महेश राठौर सोनू, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)

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