अमरकांत : सामाजिक और मानवीय सरोकारों के लेखक

राजीव कुमार झा
अमरकांत मूलतः कहानीकार हैं लेकिन उनके लिखे उपन्यास भी हिंदी में चर्चित हुए हैं और उन्हें ‘ इन्हीं हथियारों से उपन्यास के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है ! इसके पहले ‘ सूखा पत्ता ‘ लिखकर उपन्यास लेखक के रूप में वह
चर्चित हो चुके थे !
अमरकांत की कहानियां यथार्थ वादी शैली में समाज में मनुष्य के जीवन यथार्थ की विवेचना करती हैं ! उनमें सामाजिक अनुभवों की प्रधानता है और मानवीय धरातल पर जीवन की विषम परिस्थितियों से गुजरते लोगों की आवाजाही और उनके प्रति लेखकीय संवेदना अमरकांत के कथा लेखन का सबसे विशिष्ट पक्ष है!
हिन्दी में अपनी कहानी डिप्टी कलक्टरी से खास पहचान अर्जित करने वाले अमरकांत का जीवन ज्यादातर इलाहाबाद में व्यतीत हुआ और पत्र पत्रिकाओं में काम करके उन्होंने अपने जीवन का निर्वहन किया लेकिन साहित्य लेखन उनके लिए सदैव जीवन व्रत की तरह रहा !
अमरकांत हिंदी में प्रगतिशील जीवन चेतना के लेखक माने जाते हैं और आधुनिक जीवन संस्कृति के पतनशील तत्वों को उन्होंने अपने साहित्य में खासकर रेखांकित किया है ! उन्हें प्रेमचंद की परंपरा का लेखक कहा जाता है और घर परिचय आस पड़ोस के अलावा आदमी का जीवन और समाज में विभिन्न प्रकार की विषम परिस्थितियों का सामना करता उसका अंतर्मन इनके समस्त साहित्य में शाश्वत जीवनमूल्यों के संधान में मुखर हो ता प्रतीत होता है!
उनके साहित्य में शोषण उत्पीड़न के विरुद्ध बगावत का भाव समाज में अन्याय और उत्पीड़न के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान करता है. समाज में मध्यवर्गीय जीवन की विडंबनाओं को व्यंंग्यात्मक शैली में प्रकट करने वाले इस लेखक की कहानियों में निम्न वर्ग के लोगों के जीवन के प्रति गहन करुणा का भाव प्रवाहित हुआ है !
‘ बहादुर ‘ उनकी लिखी एक मार्मिक कहानी है और इसमें गांव से भागकर शहर आये पहाड़ के एक पितृहीन बच्चे के घरेलू नौकर बन जाने और यहां के किसी तथाकथित झूठे अभिजात्य परिवार में घर लौटते समय वेतन पाने के दिलाशे में शहर के लोगों की अमानवीय करतूतों का लेखक ने मार्मिक वर्णन किया है ! उनका समग्र साहित्य पठनीय है !
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »राजीव कुमार झाकवि एवं लेखकAddress »इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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