राजनीतिक चहल पहल : आरसीपी सिंह के गले में विजय की माला

राजनीतिक चहल पहल : आरसीपी सिंह के गले में विजय की माला, आरसीपी सिंह ने किसी के लिए कुछ भी नहीं किया और उन्हें जदयू के लोग महा स्वार्थी नेता के रूप में याद करेंगे। आरसीपी सिंह के नेता अब सुशील मोदी और विजय कुमार सिन्हा ही हैं। #राजीव कुमार झा

दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह पटना लौट आये हैं और यहां बीजेपी कार्यालय में उनको बुलाकर गेंदे के फूलों की खूब बड़ी माला उनको बीजेपी के नेताओं ने पहनाई है और इस बीच खबर है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा उनको बिहार में टिकट देगी।

यह संभव है लेकिन महागठबंधन उम्मीदवार के आगे उनका टिकना मुश्किल होगा क्योंकि उनका कोई जनाधार नहीं है और मूलतः नीतीश कुमार के कारण उनको नेता के रूप में देखा जा रहा था। नीतीश कुमार ने उन्हें दुबारा राज्य सभा में नहीं भेजा जिससे नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में उनका पद छीन गया और हताशा में वह गांव में जाकर रह रहे थे।

आरसीपी सिंह ने किसी के लिए कुछ भी नहीं किया और उन्हें जदयू के लोग महा स्वार्थी नेता के रूप में याद करेंगे। आरसीपी सिंह के नेता अब सुशील मोदी और विजय कुमार सिन्हा ही हैं।

आरसीपी सिंह को लगता है कि बीजेपी में आकर मैदान मार लिया है और रामकृपाल यादव की तरह वह लंबे समय के लिए मंत्री बन जाएंगे लेकिन उनके जीवन में राजनीति की भुलभूलैया अब शुरू होगी।

भगवान और भक्त


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राजनीतिक चहल पहल : आरसीपी सिंह के गले में विजय की माला, आरसीपी सिंह ने किसी के लिए कुछ भी नहीं किया और उन्हें जदयू के लोग महा स्वार्थी नेता के रूप में याद करेंगे। आरसीपी सिंह के नेता अब सुशील मोदी और विजय कुमार सिन्हा ही हैं। #राजीव कुमार झा

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कविता : सासू मां

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