सबसे बड़ा रोग
सबसे बड़ा रोग… इसलिए लोग क्या कहेंगे, इस रोग से मुक्त होकर आनन्द मय जीवन व्यतीत करें। समय के साथ चले, इसका मतलब यह नहीं है कि हम सत्य का साथ ही छोड दें। हां समय के अनुसार अपने आप को अपडेट करते रहिए। समय के अनुसार जीवन में बदलाव लाना नितांत आवश्यक है लेकिन सत्य के साथ रहिए। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
आज के वक्त में सबसे बड़ा रोग यह हैं कि लोग जरूरत पडने पर अपनी राय व्यक्त करने से घबराने लगे हैं। जब उनसे सत्य बात कहने का आग्रह किया जाता है तो वे एक ही जवाब देते हैं कि क्या कहे अभी लोग नाराज हो जायेंगे और न जानें क्या कहेंगे वे यह नहीं जानते कि सत्य – सत्य ही होता हैं। उसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती हैं। अगर हम सौ बार झूठ भी बोलें तो वह झूठ कभी भी सत्य नहीं हो जाता। झूठ सदैव झूठ ही रहता हैं।
सत्य सदैव सत्य ही रहता है। इसलिए आप कहीं भी बोलें, किसी के भी सामने बोलें। सत्य सदैव एक सा रहेगा। जबकि झूठ बोलने वाला सदैव बार बार सोचता है कि कब किसके सामने क्या कहा था। लोग क्या कहेंगे के चक्कर में आप सत्य को नहीं छिपा सकते। अगर आप ऐसा सोचते हैं या करते है तो आप सत्य के साथ अन्याय कर रहे हैं।
इसलिए लोग क्या कहेंगे, इस रोग से मुक्त होकर आनन्द मय जीवन व्यतीत करें। समय के साथ चले, इसका मतलब यह नहीं है कि हम सत्य का साथ ही छोड दें। हां समय के अनुसार अपने आप को अपडेट करते रहिए। समय के अनुसार जीवन में बदलाव लाना नितांत आवश्यक है लेकिन सत्य के साथ रहिए।