बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन ने करवाया त्रि-भाषीय कवि सम्मेलन

बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन ने करवाया त्रि-भाषीय कवि सम्मेलन, इनमें दीपक शर्मा चनार्थल की कविता “मैं रात को प्रभात”, मोनिका कटारिया ने “इस सृष्टि का आधार है”, सत्यवती आचार्य ने “मैं प्रबुद्ध बुद्ध हो चली, मैं हौसले की बात लेकर आई” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।

चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर 17 टी एस सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी में ” बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन ने त्रि-भाषीय कवि सम्मेलन करवाया। लाइब्रेरी ऑडिटोरियम के इस भव्य समारोह में बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध गीतकार इरशाद कामिल भी शामिल हुए । उनके पुत्र कामरान ने भी काव्य पाठ किया।

प्रधानगी मंडल में डॉ कुंदन यादव आईआरएस – कवि, कस्टम और जी एस टी के अतिरिक्त कमिश्नर, डॉ निज़ा सिंह- लाइब्रेरियन विशेष मेहमान के रूप में शिरकत की। समारोह का आयोजन व संचालन फाउंडेशन के लेखक, चित्रकार व निर्देशक विजय कपूर द्वारा बखूबी किया गया। ट्राइसिटी के नामवर व उभरते कवि और कवयित्रियों ने बड़े उत्साह से अपनी रचनाएँ पेश की।

इनमें दीपक शर्मा चनार्थल की कविता “मैं रात को प्रभात”, मोनिका कटारिया ने “इस सृष्टि का आधार है”, सत्यवती आचार्य ने “मैं प्रबुद्ध बुद्ध हो चली, मैं हौसले की बात लेकर आई” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। इस दौरान डॉ सुनीत मदान नेअपनी संजीदा रचना “आंतरिक संवाद उठे जिन पन्नों से” सुनाईl इनके अलावा डॉ नवीन गुप्त, विजय सिंह की सुन्दर नज़्मे रही।

विजय कपूर ने प्यार की खेल की कविता में अपनी रचना “अंधार यात्रा की प्रीत कहां बंधती है मोह पाश से ” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।
इसी तरह शमशेर साहिल की नजम ” यह कलम तो खुदा के हाथ में “, डॉ कुंदन यादव की कविता ” कोई कैसे लिख सकता है कविता “, के साथ-साथ डॉ प्रसून प्रसाद, चमन शर्मा चमन और कामरान कामिल ने अपनी अंग्रेजी रचना श्रोताओं की पसंद रही। इस समारोह की तह विशेषता यह रही की श्रोताओं की पुरज़ोर फ़रमाइश पर इरशाद कामिल ने भी अपनी शायरी सुनाई जिसे ख़ूब सराहा गया।

इस सम्मलेन के दौरान जो प्रसिद्ध साहित्यकार व रचनाकार उपस्थित थे, वे थे डॉ कैलाश अहलूवालिया डॉक्टर अवतार सिंह पतंग, उमा पांडे, सीमा गुप्ता, बबीता कपूर बलवंत तक्षक,नागपुर से मधु गुप्ता, डॉ शशि प्रभा, डॉ दलजीत, अश्विनी कुमार भीम, सुभाष शर्मा, डॉक्टर पंकज मालवीय, डॉ निर्मल सूद, अनिल कुमार चिंतक, डॉ विमल कालिया, सारिका कपूर, परमजीत परम, डॉक्टर संगीता शर्मा कुंद्रा, अजय सिंगला आदि।

बैठक का संयोजन : उत्तराखंड की प्रतिनिधि भाषा पर किया मंथन


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बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन ने करवाया त्रि-भाषीय कवि सम्मेलन, इनमें दीपक शर्मा चनार्थल की कविता "मैं रात को प्रभात", मोनिका कटारिया ने "इस सृष्टि का आधार है", सत्यवती आचार्य ने "मैं प्रबुद्ध बुद्ध हो चली, मैं हौसले की बात लेकर आई" सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।

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