
जहानाबाद। अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के पावन अवसर पर जीवनधारा नमामी गंगे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रख्यात साहित्यकार और इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने परिवार के महत्व पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि परिवार न केवल सामाजिक, बल्कि पारिवारिक एकता का भी एक अटूट सेतु है। यह दिवस, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 15 मई को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है, परिवारों के बहुमूल्य योगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके समग्र विकास में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
श्री पाठक ने जोर देते हुए कहा कि परिवार मानवीय संबंधों की आधारशिला है और यह स्नेह, समर्थन और साझा मूल्यों का एक ऐसा केंद्र है, जो व्यक्तियों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने और खुशियों को साझा करने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि परिवार हमें उस अटूट बंधन का अनुभव कराता है, जहाँ हम बिना किसी झिझक के अपनी समस्याओं को रख सकते हैं और अपनी छोटी-बड़ी सफलताओं का दिल खोलकर जश्न मना सकते हैं। यह एक ऐसा सुरक्षित आश्रय है, जहाँ व्यक्ति भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ महसूस करता है और उसे यह विश्वास होता है कि कोई ऐसा है जो हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा।
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर गहराई से प्रकाश डालते हुए सत्येन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 दिसंबर 1989 को संकल्प 44/82 पारित करके इस महत्वपूर्ण दिवस की नींव रखी थी। इसके बाद, 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक और महत्वपूर्ण संकल्प (A/RES/47/237) पारित कर 15 मई की तिथि को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने बताया कि इस पहल का मूल उद्देश्य दुनिया भर के राष्ट्रों और समुदायों को परिवारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सामाजिक प्रगति की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है। श्री पाठक ने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब हम परिवारों के महत्व और उनसे जुड़े गहरे मूल्यों का सम्मान करते हैं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि एक स्वस्थ और मजबूत समाज के निर्माण के लिए परिवारों का कल्याण सर्वोपरि है।
यह वैश्विक स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, कार्य-जीवन में संतुलन स्थापित करने और सभी के लिए सामाजिक समावेश सुनिश्चित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। सत्येन्द्र कुमार पाठक ने अपने वक्तव्य के अंत में सभी से आग्रह किया कि वे परिवार के महत्व को समझें और पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि एक मजबूत परिवार ही एक मजबूत समाज का निर्माण कर सकता है और अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस हमें इसी दिशा में मिलकर प्रयास करने की प्रेरणा देता है।