साहित्य लहर

हे प्रभु ! मंहगाई की मार से बचा लीजिये

सुनील कुमार माथुर

हे प्रभु ! देशवासियों को
मंहगाई की मार से बचा लीजिये
आप तो भक्तों के भाव के भूखें हैं लेकिन
सरकारें मंहगाई की मार से
जनता-जनार्दन को लूट रही हैं

चारों ओर मंहगाई बढ रही है लेकिन
हमारे सारे जनप्रतिनिधि मौन साधे बैठे है
हर रोज पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व
खाधान्नों के दाम बढाकर सरकार ने
जनता को नीम्बू की तरह निचोड दिया नतीजन

आज नीम्बू भी मंहगाई की भेंट चढ गया हैं
हे मेरे भोले भाले प्रभु कुछ तो कीजिए
इस मंहगाई की मार ने हमारी
सोचने समझने की शक्ति ही खत्म कर दी
हे प्रभु मन एकाग्रचित होता नहीं
भक्ति में मन लगता नहीं

हे प्रभु ! मंहगाई की मार से कैसे बचे
यहां तो मिठाई के साथ डिब्बा भी तोला जा रहा हैं
लेकिन
सब कुछ जानते हुए भी संबंधित विभाग मौन बैठा है
हे प्रभु ! हर तरफ लूट मची हुई है
हम से लूटखसोट , बेईमानी नहीं होती हैं

हमारी आमदनी वही हैं लेकिन खर्चा
चार गुणा हो गया हैं
हमने कोई नया शौक नहीं पाला हैं
बस मंहगाई चार गुणा हो गयी हैं
हे प्रभु ! अब आप ही बतायें कि
जीवन व्यापन हेतु धन कहा से लायें

पैसे कोई पेड पर उगते नहीं कि झट से तोड लिए
बस आप से हाथ जोडकर यहीं विनती हैं कि
मंहगाई पर कंट्रोल कीजिए और
बढी हुई दरें पुनः घटाई जायें, वही दूसरी ओर
दोषियों को सख्त से सख्त सजा दीजिए ताकि
भविष्य में किसी भी वस्तु के दाम न बढें और
जनता-जनार्दन को मंहगाई की मार से राहत मिलें


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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From »

सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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