आपके विचार

मेहनत की कमाई

सुनील कुमार माथुर

मनुष्य को सदैव मिलजुल कर रहना चाहिए चूंकि एकता ही हमारी सबसे बडी शक्ति हैं इसलिए जहां तक संभव हो सके वहां तक संगठित होकर रहें और मेहनत करते हुए धन कमाना चाहिए चूंकि मेहनत से कमाया गया धन ही इंसान को सही राह की ओर ले जाता हैं वरना गलत तरीके से कमाया गया धन इंसान को गलत राह दिखाता है और पतन के राह को ओर ले जाता हैं । इसलिए व्यक्ति को हमेशा परिश्रमी बने रहना चाहिए और मेहनत से कभी भी जी नहीं चुराना चाहिए । व्यक्ति को हमेशा पसीना बहाना चाहिए यानि कठोर परिश्रम करके धन कमाना चाहिए न की अपराध करके।

वही व्यक्ति श्रेष्ठ हैं जो दूसरों पर विश्वास न कर स्वंय पर विश्वास रखता हो । जब तक आप अपने आप पर विश्वास नहीं करेंगे तब तक सफलता को गले लगाना कठिन कार्य हैं कोई भी व्यक्ति सफलता तभी हासिल कर सकता है जब उसका अपने आप पर विश्वास हो । हां सफलता के मार्ग में सही मार्गदर्शन सही समय पर मिल जाये तो वह सोने में सुहागा ही कहा जा सकता हैं।

हमारे संतों व महापुरुषों का कहना हैं कि इंसान कपडों से नहीं अपितु दिल से श्रेष्ठ बनता हैं । इसलिए दिल व दिमाग में किसी के भी प्रति बुरा भाव नहीं होना चाहिए । हमेशा अच्छा सोचें , अच्छा बोले व अच्छा लिखें । आपके चेहरे पर जो भी मुस्कुराहट है वह प्रभु के हस्ताक्षर है और इन्हें आंसुओ से मत धोइये । जीवन में उतार – चढाव आते ही रहते हैं लेकिन हमें इनसे घबराना नहीं चाहिए ।

दिल खोलकर हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए और मदद एक ऐसा इत्र है जो आप दूसरों पर जितना छिटकेगे आप उतना ही अधिक महकेगे । सच्चाई , ईमानदारी , नेकी व सत्य के रास्ते पर चलने वालों को कुछ भी सोचने की आवश्यकता नहीं रहती है जो झूठ के रास्ते पर चलते है उन्हें ही सही – गलत के बारे में सोचने की जरूरत पडती हैं ।इच्छाएं कभी भी पूरी नहीं होती हैं और पूरा जीवन निकल जाता हैं । अतः जहां तक हो सके इच्छाओं से सदैव दूर रहें ।

आज के इंसान ने काफी उन्नति की हैं लेकिन उसके आविष्कार से नुकसान भी हमें ही हुआ हैं । आविष्कार करना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन आविष्कार ऐसे न हो जिससे फायदा कम और नुकसान अधिक हो । मनुष्य के मन में दिन – रात उथल – पुथल चलती रहती है और न जानें क्या – क्या सोचता रहता हैं । एक इच्छा पूरी हुई नहीं की दूसरी इच्छा तैयार है । ये इच्छाएं ही हमारी प्रगति के मार्ग में सबसे बडी बाधा हैं ।

हमें ऐसे कर्म करते रहना चाहिए कि उनसे जीवन भर हमें खुशी , प्रसन्नता मिलती रहें और मन में प्रेम व स्नेह का भाव बना रहें । काम , क्रोध, लोभ लालच , अंहकार व घमंड से हम सदा दूर रहें । जीवन के जो दिन , पल निकल गये उनकी चिंता को छोड़ दीजिए और जो दिन बचे हुए है उनकी सोचिएगा व उन्हें अच्छे कार्यों में लगाकर अपना जीवन सफल बनायें । दान – पुण्य कीजिए । सभी के साथ अच्छा व्यवहार कीजिए । भजन – कीर्तन व सत्संग कीजिए फिर देखिये आपके चेहरे पर कैसा तेज आता हैं । कैसी चमक आती हैं ।

हमारे बडे बुजुर्गों का कहना हैं कि मन ऐसा रखें कि किसी को बुरा न लगें । दिल ऐसा रखों कि किसी को दुःखी न करें और रिश्ते ऐसे रखों कि उसका अंत न हो । कोई भी व्यक्ति शत्रु और मित्र बनकर इस संसार में नहीं आता हैं । हमारा व्यवहार ही व्यक्ति को हमारा मित्र और शत्रु बनाता हैं । खुशी देने वाले भले ही हमेशा अपने नहीं होते हैं लेकिन दर्द देने वाले हमेशा अपने ही होते हैं ।

आज हमारे चेहरे पर जो प्रसन्नता के भाव हैं वे ही हमारी सच्ची कमाई हैं वरना आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में हर किसी के चेहरे पर परेशानियों का जाल व चिंता के भाव स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं । अतः जीवन में आपकों जो शाबाशी , धन्यवाद और आशीर्वाद मिलता हैं वही तो आपकी असली कमाई है जिसे न चोर चुरा सकता हैं और न ही इसे भाइयों में बांटा जा सकता हैं । अतः जीवन में हर हाल में मस्त रहें और मुस्कुराते और खिलखिलाते रहें।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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