साहित्य लहर

नारी परिवार का श्रृंगार है

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नारी परिवार का श्रृंगार है,
सृष्टि का आधार है ।
नारी ममता से भरा सागर-
अपमान हो तो अंगार है ।।

नारी अबला नहीं होती है,
वह तो बहुत सबला होती है ।
नारी प्रेम की मूरत –
शौर्य का वरदान होती है ।।

नारी का अपमान न करो,
उसके रौद्र रूप से डरो ।
नारी मां, बहिन, बेटी, पत्नी –
नारी का हमेशा सम्मान करो ।।

धरती को स्वर्ग बनाना है,
हर घर -आंगन महकाना है ।
नारी हो जाये पूर्ण निडर-
हमें ऐसा समाज बनाना है ।।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

लेखक एवं कवि

Address »
ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9876777233

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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