साहित्य लहर
तुम में हम
राजीव डोगरा
मैं लिख रहा हूं तुमको
तुम पढ़ लेना खुद को
अगर न समझ आये कुछ
तो पूछ लेना फिर हमको।
वैसे तुम
बहुत समझदार हो
फिर भी
कुछ समझ ना आए
अपने बारे में
कुछ तुमको
तो नासमझ समझ कर ही
पूछ लेना हमको।
मैं सोच रहा हूं तुमको
मैं लिख रहा हूं तुमको।
फिर भी तुमको लगे
हम नहीं है आपके
तो पढ़ लेना
हर बार
हमारी शायरी में खुद को।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »डॉ. राजीव डोगरालेखक एवं कवि, (भाषा अध्यापक) गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वाराAddress »गांव जनयानकड़, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) | मो : 9876777233Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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