साहित्य लहर
मां भारती की वंदना
सुनील कुमार
वंदन-नमन-अभिनंदन बारम्बार करते हैं
मां भारती को हम प्रणाम करते हैं।
ज्ञान-ध्यान का दीप जला अरदास करते हैं
तन-मन-धन सब कुर्बान करते हैं
मां भारती को हम प्रणाम करते हैं।
सुपथ चलते हम सदा कुपथ का त्याग करते हैं
निज जीवन नहीं कोई गलत काम करते हैं
मां भारती को हम प्रणाम करते हैं।
खंडित कभी न हो अपनी एकता
दिल में बस यही अरमान रखते हैं
मां भारती को हम प्रणाम करते हैं।
कबीर-सूर-तुलसी जिसका गुणगान करते हैं
हिंदवासी जिस पर जां निसार करते हैं
मां भारती को हम प्रणाम करते हैं।
मेरे हिंद के जैसा नहीं कोई दूजा वतन
ये हम नही लोग सकल जहान कहते हैं
मां भारती को हम प्रणाम करते हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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