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पानी भरते ही बत्ती हो गई गुल, बायोमेट्रिक था बेसमेंट का दरवाजा

पानी भरते ही बत्ती हो गई गुल, बायोमेट्रिक था बेसमेंट का दरवाजा… डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह के बाहर बदहवास हालत में बैठे धर्मेंद्र यादव अपनी भतीजी श्रेया की मौत पर रोषपूर्ण लहजे में बोले, सोचा नहीं था कि ऐसा दिन भी आएगा। यह महज हादसा, नहीं बल्कि हत्या है। श्रेया आईएएस बनने का सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन कोचिंग सेंटर की लापरवाही ने उसकी जिंदगी ही छीन ली।

नई दिल्ली। राजेंद्र नगर के स्टडी सेंटर में शनिवार को हुए हादसे के समय लाइब्रेरी में करीब 35 छात्र-छात्राएं मौजूद थे। इस बीच तेज बारिश हुई और बाहर मुख्य सड़क पर पानी भरने लगा। देखते ही देखते सड़क पर करीब चार फीट पानी भर गया। इस दौरान मुख्य रोड से कई गाड़ियां गुजरीं जिसकी वजह से स्टडी सेंटर का स्लाइडिंग डोर टूट गया। इसके बाद पानी स्टडी सेंटर की पार्किंग में घुसा और नीचे बेसमेंट में जाने लगा। पानी नीचे पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। शुरुआत में छात्रों को लगा कि थोड़ा बहुत पानी है, लेकिन एकाएक पानी की रफ्तार बहुत तेज हो गई।

अंदर कुछ स्पार्किंग हुई और स्टडी सेंटर की बत्ती गुल हो गई। अंधेरा होते ही मौके पर चीख पुकार मच गई। छात्र टेबल पर चढ़ गए। दूसरी ओर बेसमेंट का दरवाजा भी बायोमैट्रिक था। शुरुआत में उसके खुलने में भी दिक्कत हुई, लेकिन बाद में शीशे के दरवाजे को तोड़ दिया गया। इसके बाद छात्र निकले। निकलते-निकलते 17-18 छात्र बेसमेंट की सीढि़यों के पास फंस गए। सूचना मिलने के बाद बचाव दल ने पहले नीचे उतरकर बाद में रस्सियों की मदद से उनको निकाला।

दमकल विभाग के डिविजनल ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मेन गेट टूटते ही पानी तेजी से बेसमेंट में घुसा। इसके बाद छात्र पैनिक हो गए और पानी में करंट के डर से टेबल पर चढ़ गए। इस दौरान बहुत तेजी से बेसमेंट में पानी भरने लगा। अंधेरा होने पर छात्र अंदर ही भटक गए। बेसमेंट में लाइब्रेरी के अलग-अलग केबिन बने थे। वहां पानी में फर्नीचर भी तैरने लगा था। ऐसे में छात्र अंधेरा और रास्ता न होने के कारण वहीं फंस गए। मनोज कुमार ने बताया कि हादसे में करीब 14 छात्रों को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मामूली चोटें लगीं। उनको प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। लगभग रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा।

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दमकल कर्मियों ने शुरुआत में दोनों छात्राओं का शव निकाला। इसके बाद करीब एक बजे जेएनयू के छात्र नेविन का शव पानी से बाहर निकाला गया। अधिकारियों के मुताबिक पांच मिनट के भीतर ही करीब 10-11 फीट गहरे बेसमेंट में पूरी तरह पानी भर चुका था। पानी गंदा और काला था, ऐसे में उसमें गोता लगाने में भी दिक्कत हो रही थी। राजेंद्र नगर के स्टडी सेंटर में हुए हादसे का रविवार को एक सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। सड़क पर चार फुट से ज्यादा पानी भरा हुआ दिख रहा है। कुछ ठेले वाले और बाइक वाले वहां से निकल रहे हैं।

इस बीच हरे रंग की एक बड़ी एसयूवी गाड़ी वहां से गुजरती है। इसकी वजह से पानी की लहर उठती है और स्टडी सेंटर का गेट गिर जाता है। गेट के गिरते ही सड़क पर मौजूद पानी किसी बांध के टूटने की तरह अंदर जाता हुआ दिख रहा है। पूरे घटनाक्रम का स्टडी सेंटर के ठीक सामने एक दूसरे कोचिंग सेंटर से दूसरे छात्रों ने वीडियो बनाया है। इसमें पानी अंदर जाने पर कुछ लोग अंदर की ओर जाते हुए दिख रहे हैं। सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि अंदर बेसमेंट में मौजूद छात्रों को बचने का मौका नहीं मिला।



बचाव कार्य के दौरान मौके पर मौजूद रहे दमकल विभाग के एडीओ मनीष ने बताया कि मेन रोड पर ज्यादातर कोचिंग सेंटर के मेन डोर को स्लाइडिंग का बनाया गया है। सड़क पर जब भी पानी भरता है तो इन दरवाजों से पानी रुक जाता है। ज्यादातर कोचिंग सेंटर सड़क से महज एक या डेढ़ फीट के ऊंचाई पर ही मौजूद हैं। ऐसे में जब वह एसयूवी गाड़ी गुजरी को स्लाइडिंग डोर पानी की लहर को बर्दाश्त नहीं कर सकता है गिर गया। इसके बाद राव आईएएस स्टडी सेंटर में पानी भर गया और छात्र वहां फंस गए। इस हादसे में दो छात्राओं समेत तीन की मौत हो गई। अब स्टडी सेंटर में पानी भरने की असली वजहों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।



राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों की मौत डूबने से हुई है। रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह में दो छात्रों का पोस्टमार्टम हुआ। जबकि एक छात्र के परिजन न होने के कारण पोस्टमार्टम सोमवार को हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुरुआती रिपोर्ट में दोनों छात्रों की मौत डूबने से बताई जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि बारिश का गंदा पानी उनके शरीर में भर गया था। हालांकि मूल कारण का जानने के लिए अभी विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है। सूत्रों का कहना है कि रविवार को श्रेया और तान्या का पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं नेविन का पोस्टमार्टम सोमवार को होगा।



दिल्ली फायर सर्विस ने राव आईएएस की फायर एनओसी को रद्द कर दिया है। दरअसल स्टडी सेंटर के बेसमेंट को स्टोर के लिए इस्तेमाल करना था, लेकिन स्टडी सेंटर के मालिक व संयोजक ने इसमें लाइब्रेरी के अलावा एक छोटा सा क्लास रूम भी बनाया हुआ था। दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि उनकी ओर से इमारत की छानबीन के बाद फायर एनओसी दी गई थी। लेकिन स्टडी सेंटर के मालिक ने एनओसी नियमों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट में लाइब्रेरी बना दी और हादसा हुआ। हादसे के बाद फायर एनओसी को वापस लेकर कानूनी कार्रवाई के लिए लिख दिया है।



दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर से मंगलवार तक जांच पूरी कर रिपोर्ट मांगी है। इस हादसे के लिए उपराज्यपाल ने संबंधित एजेंसी, विभाग के साथ कोचिंग सेंटर को भी दोषी बताया है। साथ ही आप सरकार पर भी निशाना साधा है। एलजी ने कहा कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव के कारण सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत और जलभराव के कारण करंट लगने से एक अन्य छात्र की मौत के मामले से दुखी हूं। देश की राजधानी में ऐसा होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में सात अन्य नागरिकों की मौत करंट लगने से हुई है। इन घटनाओं में जान गंवाने वाले उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है।



उपराज्यपाल ने कहा कि संभागीय आयुक्त से मंगलवार तक इस घटना के हर पहलू को कवर करते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं। साथ ही व्यक्तिगत रूप से दिल्ली पुलिस और अग्निशमन कर्मियों द्वारा किए गए बचाव कार्यों का अनुसरण कर रह हूं। ये घटनाएं स्पष्ट रूप से संबंधित एजेंसियों और विभागों की आपराधिक उपेक्षा है। साथ ही यह बुनियादी रखरखाव और प्रशासन की विफलता की ओर इशारा करती हैं। प्रशासन शहर में जलनिकासी और संबंधित बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने में विफल रहा। साथ ही ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अपेक्षित प्रयास नहीं किए गए।



डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह के बाहर बदहवास हालत में बैठे धर्मेंद्र यादव अपनी भतीजी श्रेया की मौत पर रोषपूर्ण लहजे में बोले, सोचा नहीं था कि ऐसा दिन भी आएगा। यह महज हादसा, नहीं बल्कि हत्या है। श्रेया आईएएस बनने का सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन कोचिंग सेंटर की लापरवाही ने उसकी जिंदगी ही छीन ली। गाजियाबाद में रहने वाले धर्मेंद्र बताते हैं कि श्रेया उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के हासिमपुर बरसावा गांव की रहने वाली है। दो भाइयों में अकेली बहन श्रेया पढ़ने में तेज थी। सुल्तानपुर से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद इसी साल मई में आईएएस की तैयारी करने के लिए वह दिल्ली आई थीं। राव आईएएस में एडमिशन लेने के बाद वह शादीपुर स्थित पीजी में रह रही थी।



माता-पिता गांव में ही रहते हैं। बड़ा भाई जर्नलिज्म की पढ़ाई कर रहा है और छोटा भाई आठवीं कक्षा में है। उससे पूरे परिवार को बड़ी उम्मीद थी। श्रेया और तान्या की पक्की दोस्ती थी। घटना के दिन भी वह तान्या के साथ पढ़ाई करने के लिए गई थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे नेविन पुस्तकालय संदर्भ सेवाएं विषय से संबंधित किताब का अध्ययन करने के लिए शनिवार को राव आईएएस गए थे। पता नहीं था उसके साथ यह हादसा हो जाएगा। यह कहना है भारतीय प्राच्य विरासत संस्थान के अधिकारी बीजू का। आरएमएल के शवगृह पहुंचे बीजू बताते हैं कि नेविन डाल्विन केरल के एर्नाकुलम जिले का रहने वाला है। साल 2017 में केरल से एमए करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली आ गया।



वह जेएनयू के कला और सौंदर्यशास्त्र स्कूल से पीएचडी कर रहा था। वह मुनिरका में रहता था। उसके पिता केरल में सेवानिवृत डीएसपी हैं, जबकि मां एक यूनिवर्सिटी में संस्कृत की प्रोफेसर थी। नेविन की एक बहन हैं। सुबह के समय वह चर्च में मॉर्निंग प्रेयर में शामिल होने गए थे। उस समय उन्हें हादसे की जानकारी मिली। उसके मामा दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। नेविन का परिवार मूल रूप से त्रिवेंद्रम के रहने वाला है। सिस्टम को सुधारने का सपना लेकर दिल्ली आई तान्या सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गई। दो बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी तान्या सोनी पढ़ने में तेज थी।



यही सोचकर पिता विजय कुमार ने तेलंगाना के सिकंदराबाद से आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली भेजा था। तान्या सोनी मूलरूप से बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली है। पिता विजय कुमार तेलंगाना स्थित एक माइनिंग कंपनी में सीनियर अधिकारी हैं। ऐसे में पूरा परिवार तेलंगाना में ही रहता है। स्नातक करने के बाद तान्या ने आईएएस की इच्छा जाहिर की थी। आरएमएल के शवगृह पहुंचे तान्या के भाई प्रतीक बताते हैं कि साल वह आईएएस बनकर इस सिस्टम को सुधारना चाहती थी। तान्या अपने घर से सबसे बड़ी बेटी और सबकी लाड़ली थी। उसने 2020-2021 में डीयू के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से स्नातक किया था। वह दिल्ली के वसुंधरा एन्क्लेव में रहती थी। डेढ़ महीने पहले की उसने राव आईएएस स्टडी सेंटर को ज्वाइन किया था।


पानी भरते ही बत्ती हो गई गुल, बायोमेट्रिक था बेसमेंट का दरवाजा... डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह के बाहर बदहवास हालत में बैठे धर्मेंद्र यादव अपनी भतीजी श्रेया की मौत पर रोषपूर्ण लहजे में बोले, सोचा नहीं था कि ऐसा दिन भी आएगा। यह महज हादसा, नहीं बल्कि हत्या है। श्रेया आईएएस बनने का सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन कोचिंग सेंटर की लापरवाही ने उसकी जिंदगी ही छीन ली।

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