आसान जिंदगी
आसान जिंदगी, यह अंहकार और क्रोध ही तो हमारे सबसे बडे शत्रु है जिनसे हमें दूर रहना है। जब तक हम ऐसा नही करेगे, तब तक जिंदगी को आसान नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में जिंदगी जीने का कोई मतलब नहीं है जो जीवन में झुकना जानता है वह ही आगे बढता है। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
जिंदगी जीना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन हम प्रयास करें तो इसे आसान जरूर बना सकते हैं और मस्त जिंदगी जी सकते है। इस जिंदगी को आसान बनाने के लिए हमे कोई धन भी खर्च नहीं करना है और न ही कही जाना है। बस तनिक सा त्याग करना है।
धैर्य, संयम, सहनशीलता, क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा और किसी को उसकी गलती के लिए माफ कर दीजिए और किसी से गलती के लिए माफी मांग लीजिए। बस जिंदगी आसान हो गई। लेकिन आज का इंसान क्रोध, अंहकार, लोभ, लालच की जिंदगी जी रहा है। जहां न तो माफी मांगी जा रही है और न ही किसी को माफ किया जा रहा है। नतीजन जिंदगी बोझ बन गई है।
यह अंहकार और क्रोध ही तो हमारे सबसे बडे शत्रु है जिनसे हमें दूर रहना है। जब तक हम ऐसा नही करेगे, तब तक जिंदगी को आसान नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में जिंदगी जीने का कोई मतलब नहीं है जो जीवन में झुकना जानता है वह ही आगे बढता है। अतः क्रोध व अंहकार का समय रहते त्याग कीजिए और आनन्ददायक जीवन व्यतीत कीजिए।