_____

Government Advertisement

_____

Government Advertisement

_____

आपके विचार

एक सा नहीं होता है हर इंसान का स्वभाव

कहने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति को हर हाल में समान रूप से रहना चाहिए। अंहकार में डूबे व्यक्ति का न तो भला होता है और न ही वह किसी का भला कर सकता हैं। जीवन में यह बात गांठ बांध लिजिए कि अगर आप किसी का भला नहीं कर सकते हैं तो फिर बुरा भी मत कीजिए।  #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

हर इंसान का स्वभाव एक सा नहीं होता है। हर किसी का स्वभाव अलग-अलग होता है। हां कभी कभी किसी का स्वभाव दूसरे से मेल खा सकता है, लेकिन फिर भी एक सा नही होता है। जब हमारे हाथ की सभी अंगुलियां एक समान नहीं होती है तो फिर सभी के स्वभाव एक समान कैसे हो सकते है।

फिर भी हर किसी को चाहिए कि वह सेवाभावी बनें, नेक व परोपकारी बनें। सभी के साथ मधुर व्यवहार करे। किसी का दिल नहीं दुखाएं। ऐसा करने में हमारा कौन सा धन खर्च होता है। हमारा मधुर व्यवहार ही तो हमारी पहचान है। हमारी अमूल्य धरोहर है। हमारी पूंजी है। बात बात पर कभी क्रोध नहीं करना चाहिए।

क्रोध से जीवन नष्ट होता है, वही समाज में हमारी गरिमा, पद प्रतिष्ठा धूमिल होती हैं। तभी तो कहा गया है कि अपने स्वभाव को हमेंशा सूरज की तरह रखना चाहिए। न उगने का अभियान और न डूबने का डर। इंसान के अन्दर जो समा जाये वो स्वाभिमान है और जो छलक जाये वो अभिमान हैं।

कहने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति को हर हाल में समान रूप से रहना चाहिए। अंहकार में डूबे व्यक्ति का न तो भला होता है और न ही वह किसी का भला कर सकता हैं। जीवन में यह बात गांठ बांध लिजिए कि अगर आप किसी का भला नहीं कर सकते हैं तो फिर बुरा भी मत कीजिए। हमेशा सकारात्मक सोच रखें और अपने मन में किसी भी प्रकार की शंका न रखे।


One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights