साहित्य लहर

कविता : आया बजट भाया बजट

अन्न दाता को देकर तोहफा हरित क्रांति से बढेगा मुनाफा कृषि प्रधान खुशहाल किसान तभी बनेगा देश यह महान। यही है अपेक्षा बेरोजगारो की लागू हो सारी योजनाएँ रफ्तारो की अपनी व्यवसाय सुख समृद्धि उत्थान जन जन का होगा कल्याण। नीति निर्धारक आपको मुबारक सबके बारे में सोचते है बनी रहे ऐसी ही श्रद्धा गरीबों की सरकार चलती रहे। #आशुतोष, पटना (बिहार)

आया बजट छाया बजट
सबका जेब लुभाता बजट।।

बजट के मध्य में
आधुनिक होंगे गाँव
सोलर के उपकरणों से
रौशन होगी गलियाँ
गरीबों,मजदूरों, किसानो और
महिलाओ का सशक्तिकरण।।

सभी क्षेत्रों में योजनाओं से होगी वृद्धि
राष्ट्र की जरूर बढेगी आर्थिक समृद्धि।।

अमीरो की मुनाफाखोरी पर लगाम
हाय-हाय यह गरीबों का सौभाग्य
अतिरिक्त टैक्स कम
गरीबों के लिए लाएगा
अनेक वित्तीय उपहार।।

टेक्स स्लैब में बदलाव नही
कम आमदनी वालो को
टैक्स देने का अधिकार नही
मध्यम वर्ग गरीबो के लिए उपहार।।

अन्नदाता का खास
सोलर पंप की बाँट
महिलाओ की पूरी होगी आस
महिला वंदन राष्ट्र करे अभिनंदन।।

लाखों का लोन युवाओ को जोश
आयुष्मान भारत भगा रहा रोग।।

मातृत्व का बढा विश्वास
नारी शक्ति से बढेगा आत्मविश्वास।।

सभी वर्गो का ख्याल
सबका साथ और बिस्तार
होम योजना स्वास्थ को रफ्तार
मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान
2047तक सभी को मकान
ज्ञान विज्ञान जय अनुसंधान से कल्याण।।

अन्न दाता को देकर तोहफा
हरित क्रांति से बढेगा मुनाफा
कृषि प्रधान खुशहाल किसान
तभी बनेगा देश यह महान।

यही है अपेक्षा बेरोजगारो की
लागू हो सारी योजनाएँ रफ्तारो की
अपनी व्यवसाय सुख समृद्धि उत्थान
जन जन का होगा कल्याण।

नीति निर्धारक आपको मुबारक
सबके बारे में सोचते है
बनी रहे ऐसी ही श्रद्धा
गरीबों की सरकार चलती रहे।


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