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हिमालय को अनावश्यक बोझ से बचाना होगा

हिमालय को अनावश्यक बोझ से बचाना होगा, बादल फटना, हिमखंडों का पिघलना, ऊंचे शिखरों पर बनी झीलों का टूटना, अत्यधिक बर्फबारी व भूस्खलन होना जैसी घटनाएं हिमालय को अपना निशाना क्यों बना रही हैं? इसका सीधा जवाब है ‘जलवायु-परिवर्तन’। लेकिन यह क्यों हो रहा है। #ओम प्रकाश उनियाल

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इस साल बरसात के मौसम में जगह-जगह बादल फटने की घटनाओं से जिस प्रकार की तबाही हुई उससे वहां के लोगों के मन में हमेशा के लिए डर बैठना स्वाभाविक है। अब तो छुटपुट बारिश की बूंदों से भी वहां के लोगों को घबराहट होने लगती है। न जाने कब यही बूंदे रौद्र रूप धारण कर तबाही कर डालें।

वैसे भी पानी और आग पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। ये कब विकराल रूप धारण कर लें कुछ पता नहीं चलता। सन् 2013 में जिस प्रकार से उत्तराखंड ने जल-प्रलय का मंजर झेला, इस साल ऐसी ही स्थिति से हिमाचल प्रदेश को गुजरना पड़ा। ऐसा नहीं कि इस साल उत्तराखंड में किसी प्रकार की तबाही हुई ही नहीं।

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उत्तराखंड में भी आसमानी आफत ने खूब कहर बरपाया। जगह-जगह बादल फटे, तबाही हुई मगर हिमाचल से थोड़ा कम। हिमालय के आंचल में स्थित इन दोनों राज्यों को न जाने किसकी बुरी नजर लगी? आम आदमी की जुबां पर यही सवाल छाया रहा। लेकिन एक सवाल यह भी है शायद जो हरेक के मन में भी उभर रहा होगा कि आखिर भयानक से भयानक आपदाएं हिमालयी राज्यों पर ही क्यों मंडरा रही हैं।

बादल फटना, हिमखंडों का पिघलना, ऊंचे शिखरों पर बनी झीलों का टूटना, अत्यधिक बर्फबारी व भूस्खलन होना जैसी घटनाएं हिमालय को अपना निशाना क्यों बना रही हैं? इसका सीधा जवाब है ‘जलवायु-परिवर्तन’। लेकिन यह क्यों हो रहा है। कौन इसके लिए जिम्मेदार है? असल में हम सवाल तो उठाते रहते हैं और कारण भी बतियाते रहते हैं।




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मगर जब कारणों पर अमल करने की बात आती है तो कोसों दूर भागने का प्रयास करते हैं। इशारा सब समझ ही गए होंगे। तो क्यों न हिमालय को बचाने की छोटी-सी पहल की शुरुआत की जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि हिमालय पर अनावश्यक बोझ न डाला जाए। वरन हिमालयी राज्यों पर कभी भी फिर भारी आफत टूट सकती है।




हिमालय चेतावनी दे चुका है। संभलने का मौका है अभी भी। जब हिमालय अपने स्वरुप में रहेगा तभी यह धरती और जीवन विनाशलीला से बचेगी।


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हिमालय को अनावश्यक बोझ से बचाना होगा, बादल फटना, हिमखंडों का पिघलना, ऊंचे शिखरों पर बनी झीलों का टूटना, अत्यधिक बर्फबारी व भूस्खलन होना जैसी घटनाएं हिमालय को अपना निशाना क्यों बना रही हैं? इसका सीधा जवाब है 'जलवायु-परिवर्तन'। लेकिन यह क्यों हो रहा है। #ओम प्रकाश उनियाल

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