खाली समय कैसे व्यतीत करें

सुनील कुमार माथुर
सेवानिवृत्ति के बाद प्रायः लोगों की यह शिकायत रहती हैं कि समय काटे नहीं कटता हैं और गर्मियों में तो दिन बेजा लंबे लगते हैं । दोपहर में नींद नहीं आती । भला ऐसे में समय पास करना बडा ही मुश्किल हो गया है । लेकिन आप चाहें तो समय आसानी से कट सकता हैं । बस आपकों अपनी सोच व कार्यशैली में तनिक बदलाव लाना होगा और हो सकता हैं कि आरंभ में आपको कुछ झुंझलाहट हो लेकिन नियमित अभ्यास से आपको बाद में अपार आनंद की प्राप्ति होगी और आप इस रचनात्मक कार्य को चाह कर भी नहीं छोड पायेंगे ।
आइये आज हम कुछ बातों पर चर्चा करें और उन्हें अमल में लाने का प्रयास करें फिर देखिये जीवन में कितना आनंद आता हैं । अगर आपकी बागवानी में रूचि हैं तो खाली समय में बागवानी करें । पेड – पौधों में खाद – पानी दीजिए । सूखे पतों को हटाए, क्यारियाँ बनायें । पेड – पौधों बडे हो रहें है तो उन्हें काटिए और अधिक बडे न होने दे ।
लेखन में रूचि हैं तो खाली समय में रचनात्मक लेख लिखें और पत्र पत्रिकाओ में प्रकाशनार्थ भेजे । आजकल तो वैसे ही ऑनलाइन का जमाना हैं इसलिए यह कार्य घर बैठे ही आसानी से किया जा सकता हैं । अगर आपकों पत्र पत्रिकाएं पढने का शौक हैं और आपके पास पुरानी पत्र पत्रिकाएं है तो आप बच्चों के लिए अपने घर पर या मौहल्ले में पुस्तकाल्य भी खोल सकते हैं ।
अगर आप महिलाएं है और आपके पास पुराने वस्त्र है जिन्हें आप न तो पहनते हैंऔर न ही किसी को देते हैं तो ऐसे कपडों को नया आकार दीजिए और पहनने का आनंद लीजिये । ऐसा करने से आर्थिक दृष्टि से घर में बचत भी होगी । आपकी शिक्षा में रूचि हैं तो मौहल्ले के कमजोर बच्चों को निःशुल्क पढाए ।
आप कोई संगठन बनाकर सार्वजनिक स्थलों पर जैसे मौहल्ले के पार्क में , मंदिर में , स्कूल के आसपास श्रमदान भी कर समय व्यतीत कर सकते हैं । अगर आप चिकित्सक है तो मौहल्ले में रोगियों की नि:शुल्क सेवा कीजिए । उनसे फीस न ले बस दवा के वाजिब दाम लेकर भी मानवता की सेवा कर सकते हैं ।
अगर आप धन – दौलत वाले हैं और आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न है तो गर्मियों में पक्षियों के लिए परिंडे लगाए , गायों की सेवा करें, उन्हें चारा डाला । किसी रोगी , जरूरतमंद को निशुल्क भोजन कराये । ऐसे कई कार्य है जिन्हें आप खाली समय में कर अपना समय आसानी से व्यतीत कर सकते हैं । बस अपनी सोच व नजरिया बदलने की जरूरत है । बस शुरुआत आपकों अपने घर से ही करनी होगी ।
ऐसे और भी कार्य हैं जैसे हाॅबी क्लासेज चलाना , योगा , कराटे , सिलाई – बुनाई , कृषि , धार्मिक स्थलों पर पूजा – पाठ , भजन-कीर्तन करना , कानून की जानकारी देने , किसी जरूरतमंद का फार्म भरने में भी आप मदद कर सकते हैं । भले ही इन निस्वार्थ कार्यों को करने से आपकों आर्थिक लाभ न मिलें लेकिन आत्म संतुष्टि अवश्य ही मिलेगी।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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