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शुद्ध के लिए युद्ध

सुनील कुमार माथुर

जब-जब त्योहार आते है तब – तब सरकार की ओर शुध्द के लिए युद्ध जैसे अभियान चलाकर वाह – वाह लूटने का प्रयास किया जाता हैं लेकिन यह अभियान एक लोक दिखावा बनकर रह जाता हैं । दीपावली के अवसर पर यह आभियान विशेष रूप से चलाया जाता है ताकि इस अभियान में सरीक टीम पर लक्ष्मी मेहरबान रहे ।

इस साल राजस्थान सरकार ने निरोगी राजस्थान अभियान चलाया है और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलावटखोरों की धरपकड कर रही हैं । यह अभियान कितना सफल होगा यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन जनता सब कुछ जानती है । देश भर में मिलावटी खाद्य पदार्थ , मसाले , मिठाईयां जैसी सभी चीजे मिलावटी बिक रही हैं । घी – तेल मिलावटी बिक रहें हैं क्या सरकार व स्वास्थ्य विभाग को पता नहीं है ।

जब हमारी लक्ष्मी इन पर मेहरबान है तो क्यों ये मिलावटखोरों की धरपकड करेंगे । पीडा वहीं जाता हैं जो लक्ष्मी को नहीं बरसा पाता है । आज हम रोज देख रहे हैं कि मिठाई वाले पूरा दाम लेने के बावजूद भी मिठाई के साथ डिब्बा भी ढक्कन सहित तोल रहे हैं लेकिन जब लेन देन कर चलते बनते है । मरती बेचारी जनता है ।

क्यों नही पूरे साल मिलावटखोरों की धरपकड नही की जाती है । बराबर विभाग खोल रखा है । अधिकारी हैं कर्मचारी है । हर वर्ष इनके वेतन भतों पर करोड़ो रुपये खर्च करती है लेकिन जांच नही करते है । लक्ष्मी के सामने सभी पंगु बन जाते हैं । जब सारे कुएं में ही भांग पडी हो तो किसे दोष दे । भ्रष्टाचार की गंगा तो ऊपर से नीचे जो बह रही है । जैसे हाथी के दांत खाने के ओर व दिखाने के ओर होते हैं ठीक उसी प्रकार यह अभियान गरीब दुकानदारों को ही मारता है चूंकि बडे दुकानदार तो जांच टीम की जेबे भर देते हैं ।

यह नजारा विशेष तोर पर दीपावली पर ही देखने को मिलता है । वरना साल भर यह अभियान लाल बस्ते में बंद रहता है । दीपावली पर ऐसा अभियान चलाकर केवल खानापूर्ति ही की जाती हैं । नमूने भले ही कितने भी क्यों न ले लिए जाए पर रिपोर्ट चंद व्यापारियों को छोडकर सबकी ठीक आती हैं चूंकि वे लक्ष्मी जो बरसाते हैं । तभी तो यह अभियान दीपावली पर ही चलता है और साल भर की लक्ष्मी बरसा जाता हैं । कहने का तात्पर्य यह हैं कि दीपावली पर आम के आम व गुठलियों के भी दाम है

मिलावटखोर राष्ट्र के दुश्मन है । ये आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड कर रहे है । अत: मिलावटखोरों की धरपकड कर उन्हें मौत की सजा दी जाएं व जांच दल अपनी विश्वनीयता को बनाएं रखे एवं ईमानदारी में खरे सोने की तरह ऊतरे । तभी इस अभियान की सार्थकता है । लेकिन सरकार व विभाग इस तर्ज पर चल रहें हैं कि जनता रोती हैं तो रोने दो अपनी लक्ष्मी को बरसने दो । लक्ष्मी राजी तो क्या कर लेगा किजी यह मत भूलिए कि आपका परिवार भी इन मिलावटी खाध सामग्रियों का सेवन कर बीमार हो रहा है । अत: शुध्द के लिए युद्ध अभियान के तहत मिलावटी खाध सामग्रियों का उत्पादन व विक्रय तत्काल रोकें ।

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