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पुस्तकें और ज्ञान की यात्रा

पुस्तकें और ज्ञान की यात्रा, कहते है पुस्तकें हमारी कल्पनाशक्ति को साकार स्वरूप प्रदान करती है। पुस्तकों के द्वारा हम हर समय की यात्रा कर सकते है। डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

पुस्तकें होती है ज्ञान से समृद्ध। सीखने से व्यक्ति नहीं होता कभी वृद्ध॥
यदि हम बनाएँगे पुस्तकों को मित्र। फैला सकेंगे समाज में ज्ञान का इत्र॥

कहते है पुस्तकें हमारी कल्पनाशक्ति को साकार स्वरूप प्रदान करती है। पुस्तकों के द्वारा हम हर समय की यात्रा कर सकते है। पुस्तकों से हमें समग्र जानकारी प्राप्त हो जाती है। हमारी ज्ञानशक्ति, विचार शक्ति समृद्ध होती है। हम उचित-अनुचित, सत्य-असत्य के बीच के अंतर को भी ज्ञानशक्ति के द्वारा सरलता से समझ सकते है। प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। जीवन के बेहतरीन शौक में से एक शौक पुस्तकों का अनवरत अध्ययन है। यह पुस्तकें मानव को ऊँचाई का आसमान दे सकती है।

पुस्तकों को हम साधारण समझते है, परंतु यह पुस्तकें अन्तर्मन में नई ऊर्जा एवं विश्वास जाग्रत करने का साहस रखती है। यदि हमें अपनी सम्प्रेषण एवं संवाद शक्ति को बढ़ाना है तो पुस्तकों का सानिध्य अत्यंत आवश्यक है। हम अपनी विचारशक्ति पुस्तकों से जाग्रत कर सामाजिक उन्नयन में सहयोगी हो सकते है। विचारों की थाह अनंत होती है और इन्हीं विचारों को हम पुस्तकों के माध्यम से प्राप्त कर सफलता के अनूठे आयाम रच सकते है।

पुस्तकें न केवल हमें विज्ञान, इतिहास, कला, संस्कृति, सामाजिक, धार्मिक इत्यादि जानकारी प्रदान करती है बल्कि हमारी बुद्धि का भी विकास करती है। जीवन को बेहतर दिशा देने में भी पुस्तकें कारगर सिद्ध होती है। पुस्तकें हमें इतिहास से जुड़ने और भविष्य की संभावनाओं के बारे में जानने के लिए समर्थता प्रदान करती है। प्राचीन समय में हम विभिन्न प्रकार की ज्ञानवर्धक पुस्तकंध जैसे: पंचतंत्र, विक्रम-बेताल, चाणक्य-नीति इत्यादि पुस्तकों द्वारा जीवन जीने की कला को सीखने का प्रयास करते थे।

आजकल बच्चों में पुस्तकों के अध्ययन के प्रति रुचि कम होती जा रही है। इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। पुस्तकों का ज्ञान व्यक्ति में सकारात्मक दृष्टिकोण एवं आत्मविश्वास को जन्म देता है। कहा भी जाता है की पुस्तकें हमारी सर्वश्रेष्ठ मित्र होती है। यदि मनुष्य एकाग्र होकर पुस्तकों के साथ समय व्यतीत करना प्रारम्भ कर दे तो वह उत्तरोत्तर उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है।

26 अप्रैल बाबा तुंगनाथ और 22 मई को मध्यमहेश्वर के खुलेंगे कपाट

वस्तुतः पुस्तकें अपरिमित ज्ञान का खजाना ही है। इस खजाने से व्यक्ति आजीवन ज्ञान को ग्रहण कर सकता है और सफलता की ऊँचाई को प्राप्त कर सकता है। पुस्तकें हमारे ज्ञान के संवर्धन में सहयोगी होती है और ज्ञान शक्ति के द्वारा व्यक्ति समाज में एक सम्मानित एवं प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त कर सकता है। सफलता के चरम को प्राप्त करने के लिए दिन-प्रतिदिन हमें पुस्तकों के साथ एक निश्चित समय व्यतीत करना चाहिए।



हमारे जीवन में विचारों के श्रृंगार में पुस्तकों का सर्वाधिक योगदान है। मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारने एवं नवीन दृष्टिकोण प्रदान करने में पुस्तकें निर्णायक भूमिका निभाती है। पुस्तकों के द्वारा ज्ञान अर्जन हम समय के किसी भी दौर एवं पड़ाव में प्राप्त कर सकते है। उसके लिए उम्र और समय की कोई बाध्यता नहीं है। हमें आज की युवा पीढ़ी और भावी पीढ़ी को पुस्तकों के महत्व को समझाना होगा, जिससे की वे उन्नत आकाश की ऊँचाई को सरलता से छु सकें एवं राष्ट्र के विकास में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन कर सकें।



जीवन में होता है समय सीमित।
पर पुस्तकों में निहित है ज्ञान अपरिमित॥
सम्प्रेषण एवं संवाद शक्ति के लिए पुस्तकें है आवश्यक।
डॉ. रीना कहती ज्ञान की उत्कृष्ठता हमें बनाएँगी सफल जीवन का नायक॥


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पुस्तकें और ज्ञान की यात्रा, कहते है पुस्तकें हमारी कल्पनाशक्ति को साकार स्वरूप प्रदान करती है। पुस्तकों के द्वारा हम हर समय की यात्रा कर सकते है। डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

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