आपके विचार

पानी का रौद्र रूप, हर तरफ तबाही

ओम प्रकाश उनियाल

देश के कई राज्यों में भारी बारिश कहर बरपा रही है। नदियां उफान पर हैं, बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं। हर तरफ पानी ही पानी। जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने से परेशानियां ही परेशानियां बढ़ रही हैं। पहाड़ों से लेकर मैदान तक पानी अपनी ताकत के बल पर सबकुछ नष्ट कर लोगों को चेता भी रहा है।

जान-माल की क्षति होने के साथ-साथ अन्य प्राणी व जीव-जंतुओं पर आफत का पहाड़ टूट रहा है लगातार बारिश से। खेती खत्म। खड़ी फसलें पानी की भेंट चढ़ चुकी हैं। आए दिन पहाड़ दरक रहे हैं तो नदियां अपना रुख बदल रही हैं। मानसून की मार बार-बार झेलने के बाद भी हम प्रकृति के विरुद्ध जा रहे हैं। नदियों के किनारे अतिक्रमण कर नालों में बदल दिया है, नदियों से खनन कर-करके उनकी शक्ति क्षीण कर दी है, बड़े-बड़े बांध बनाकर अविरल गति से बहने वाली नदियों का वेग रोक दिया है।

इन्हीं बांधों में जब पानी अधिक हो जाता है तो उसे छोड़ना भी पड़ता है जिससे बाढ़ की स्थिति और भी भयानक बन जाती है। पहाड़ों का सीना चीर-चीरकर खोखला करते जा रहे हैं, पेड़ों का अंधाधुंन कटान कर हरियाली नष्ट की जा रही है। अधिक बरसात होने से जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं घट रही हैं व मिट्टी के पोषक-तत्व खत्म हो रहे हैं। फिर दोष प्रकृति, जलवायु-परिवर्तन व मौसम को दे रहे हैं।

प्रकृति अपने गुण व स्वभाव के अनुरूप कार्य करती है जिसमें इंसानी हस्तक्षेप होने से रुष्ट होना स्वाभाविक है। नतीजा हर साल भुगत भी रहे हैं। मनुष्य की इस दखलअंदाजी का परिणाम अन्य प्राणी भी भुगत रहे हैं। जरा सोचिए, इसी तरह यदि हर साल बरसात के मौसम में पानी अपना रौद्र रूप दिखाता रहेगा तो इस धरा का क्या हाल हो जाएगा।

मौसम की मार एक जगह नहीं पृथ्वी पर कहीं भी पड़ सकती है। भारत ही नहीं विदेशों में भी कई जगह पानी जब अपना भयानक रूप दिखाता है तो तबाही मचाकर ही छोड़ता है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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ओम प्रकाश उनियाल

लेखक एवं स्वतंत्र पत्रकार

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कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड) | Mob : +91-9760204664

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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